असम में वर्ष 2016 में भाजपा की सरकार के बाद से अपराधों में 35% की कमी देखने को मिली है। राज्य में दंगों की घटनाओं में 90% तक की गिरावट आई है। हत्या-बलात्कार और लूट जैसे अपराध भी कम हो गए हैं।
कॉन्ग्रेस के गोगोई राज्य में अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा असम पहले सर्बानंद सोनोवाल और अब हिमंता बिस्वा सरमा के राज में काफी शांत हो गया। अपराध में कमी के यह आँकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने दिए हैं। राज्य में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बुलडोजर एक्शन का स्पष्ट असर आपराधिक घटनाओं की कमी के रूप में दिख रहा है।
NCRB द्वारा दिए गए आँकड़ों के अनुसार, अपने शासन के अंतिम पूर्ण वर्ष 2015 में कॉन्ग्रेस राज में प्रदेश में 1.07 लाख आपराधिक घटनाएँ हुई थीं। इसके मुकाबले राज्य में वर्ष 2022 में 68,937 आपराधिक घटनाएँ हुई हैं। इस प्रकार इन घटनाओं में भाजपा के वर्ष 2016 में आने के बाद आपराधिक घटनाओं में 35.8% की कमी देखी गई है।
असम में भाजपा के शासन के 7 वर्षों के दौरान हर प्रकार के अपराधों में कमी आई है। हत्या बलात्कार और दंगों के मामलों में क्रमशः 20.17%, 35.7% और 90.55% की कमी हुई है। दंगो के मामलों में 90% की कमी राज्य सरकार के लिए बड़ी सफलता है।
हत्या के मामले में जहाँ 1343 से घट कर 1072 हो गए हैं तो वहीं बलात्कार के मामले 1733 से घटकर 1113 हो गए हैं। राज्य में दंगों की घटनाएँ 2435 से 230 ही रह गई हैं। दंगों के मामलों में कमी राज्य सरकार की बड़ी सफलता है क्योंकि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के आने के कारण यहाँ का सामजिक ढाँचा पहले ही बिगड़ गया था जिसके कारण आए दिन तनाव बनता था। इस पर नियंत्रण पाकर राज्य सरकार ने शांति बहाली में बड़ी सफलता पाई है।
राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी बड़ी कमी देखी गई है। वर्ष 2022 में असम में महिलाओं के विरुद्ध 68,937 अपराध हुए हैं। इनकी संख्या कॉन्ग्रेस के राज में 2015 के दौरान 1.07 लाख थी। इसी तरह अपहरण जैसे जघन्य अपराधों में भी कमी देखी गई है, अपहरण की घटनाओं में 21.79% कमी आई है। असम में अपहरण की 5,831 घटनाएँ वर्ष 2015 में हुई थीं। वर्ष 2022 के दौरान यह घट कर 4560 पर आ गई हैं।
असम 2016 में कॉन्ग्रेस के सत्ता से जाने के बाद अवैध घुसपैठियों और अन्य अपराधियों पर काफी सख्ती बरती गई है जिसका परिणाम आँकड़ों के रूप में सामने आ रहा है।