पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार (सितम्बर 13, 2020) को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उनके फेफड़ों में संक्रमण के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। अब राजद के वरिष्ठ नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया है। उनका और राजद सुप्रीमो लालू यादव का 40 वर्षों का साथ था, जिस कारण लालू भी उनका सम्मान करते थे।
यूपीए-1 के दौरान देश के ग्रामीण विकास मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद सिंह को यूपीए-2 के दौरान भी कॉन्ग्रेस की तरफ से कैबिनेट का हिस्सा बनने का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने लालू यादव की दोस्ती के कारण केंद्रीय मंत्री का पद ठुकरा दिया था। वैशाली से कई बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद न सिर्फ उनके क्षेत्र बल्कि पूरे बिहार में शोक की लहर है। वो 74 साल के थे।
हाल ही में उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया था। सादे कागज पर लालू प्रसाद यादव को संबोधित इस्तीफे में उन्होंने लिखा था, “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा। लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता कार्यकर्ता और आमजनों ने बड़ा स्नेह दिया। मुझे क्षमा करें।” जून में उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था और लालू ने खुद तेजस्वी यादव को रॉंची तलब कर उन्हें मनाने को कहा था।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का दिल्ली के #AIIMS में निधन. pic.twitter.com/kKfGXrLF4E
— Pankaj Jha (@pankajjha_) September 13, 2020
इस बार भी लालू ने जेल से पत्र लिखकर रघुवंश प्रसाद से कहा था, “बैठ कर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं।” रघुवंश प्रसाद सिंह RJD में पूर्व सांसद रामा सिंह को शामिल करने के प्रयासों को लेकर नाराज चल रहे थे। नरेगा योजना का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है।