उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके कुंवर रंजीत नारायण प्रताप सिंह (RPN Singh) के भाजपा से जुड़ने की खबरों के बीच उनका एक ट्वीट आया है। इस ट्वीट में उन्होंने अपने नए राजनीतिक करियर के आरंभ की बात कही है। उन्होंने अब भाजपा का दामन थाम लिया है।
उन्होंने लिखा, “आज जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूँ। जय हिंद।” इस ट्वीट के नीचे कई लोग उन्हें भाजपा में शामिल होने की बात कहकर पहले से बधाई दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग उन्हें कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए सराह रहे हैं।
Today, at a time, we are celebrating the formation of our great Republic, I begin a new chapter in my political journey. Jai Hind pic.twitter.com/O4jWyL0YDC
— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022
इससे पहले आरपीएन सिंह ने अपने ट्वीट में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भेजे गए अपने इस्तीफे की फोटो शेयर की थी। इस्तीफे में उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को आभार दिया कि पार्टी ने उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया।
Today, at a time, we are celebrating the formation of our great Republic, I begin a new chapter in my political journey. Jai Hind pic.twitter.com/O4jWyL0YDC
— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022
बता दें कि RPN सिंह कुशीनगर के रहने वाले हैं और राहुल गाँधी के करीबी कहे जाते हैं। वह मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री थे और उनका नाम कॉन्ग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल था। उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी में रहते हुए तीन बार पडरौना विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। उन्होंने 4 दफा लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन जीत 2009 में हाथ लगी। उस समय वह स्वामी प्रसाद मौर्य को हराकर लोकसभा पहुँचे थे। वह मनमोहन सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय राजमंत्री थे। साल 2014 में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा।
अब 2022 में उनके इस्तीफे के बाद कयास लग रहे हैं कि बीजेपी में शामिल होने के बाद आरपीएन सिंह पडरौना से ही लड़ेंगे और स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ ही मैदान में उतरेंगे। अभी तक कॉन्ग्रेस में रहते हुए वह विधायक, केंद्रीय मंत्री पद पर रहने के अलावा झारखंड में पार्टी के प्रभारी रहे हैं और उत्तर प्रदेश यूथ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी। वह पडरौना रियासत से ताल्लुक रखते हैं। वहाँ उन्हें राजा साहेब भी कहा जाता है।