लोकसभा चुनाव में बयानबाज़ी का सिलसिला लगातार जारी है। भोपाल से चुनाव लड़ रहीं भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान इन दिनों सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। उनके द्वारा दिए गए एक के बाद एक बयान विपक्ष को मौका दे रहे हैं। हेमंत करकरे के बाद उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा जिससे एक नए विवाद ने जन्म ले लिया। अपने इस बयान में उन्होंने दिग्विजय सिंह को आतंकवादी कहा, जिसके लिए चुनाव आयोग ने ज़िला प्रशासन से रिपोर्ट माँगी है।
ख़बर के अनुसार, प्रज्ञा ठाकुर गुरुवार को सीहोर क्षेत्र में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्धाटन कर रही थीं, इसी दौरान उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह ने फैक्ट्रियाँ बंद कराईं, लोगों को बेरोजगार किया और अपने व्यक्तिगत व्यवसाय को बढ़ाया जिसके भुक्तभोगी मप्र के लोग हैं।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “दिग्विजय सिंह को राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल तक मुँह नहीं उठा पाया, और राजनीति कर लेता, इसकी कोशिश नहीं कर पाया। अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।”
दिग्विजय सिंह पर हमलावर रुख़ बरक़रार रखते हुए साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा कि एक बार फिर से ऐसे आतंकी (दिग्विजय सिंह) को समाप्त करने के लिए संन्यासी को ही खड़ा होना पड़ रहा है। श्यामपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कॉन्ग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वो साधु-संतों पर भगवा आतंकवाद का आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजती है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इन बयानों को चुनाव आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट माँगी है। जानकारी के अनुसार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांतावर ने बताया कि सीहोर ज़िला प्रशासन से इस बयान के संदर्भ में रिपोर्ट माँगी गई है।
वहीं, अगर दिग्विजय सिंह की बात करें तो उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस आतंकवाद से समझौता नहीं करती। साथ ही इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, बेअंत सिंह जैसे नेताओं को देश के लिए बलिदानी होने की बात तक कह डाली थी। इसके अलावा भाजपा को कटघरे में रखते हुए कहा था कि उन्होंने कब आतंकवाद से समझौता किया है। सर्जिकल स्ट्राइक का ज़िक्र करते हुए दिग्विजय ने कहा कि कॉन्ग्रेस शासनकाल में भी ऐसी स्ट्राइक की गई थीं, लेकिन उसका कभी प्रचार-प्रसार नहीं किया गया।