Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतिजब हुआ 2 साध्वियों का मिलन और भावुक हो रो पड़ीं प्रज्ञा ठाकुर, भोपाल...

जब हुआ 2 साध्वियों का मिलन और भावुक हो रो पड़ीं प्रज्ञा ठाकुर, भोपाल के रण में नया मोड़

"मैं उनका (प्रज्ञा) बहुत सम्मान करती हूँ। मैंने उन पर हुए अत्याचार देखे हैं। इस मायने में वे पूजनीय हैं। मैं उनके लिए प्रचार करुँगी।"

कभी मध्य प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी धुरी रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा से मुलाकात की। दो साध्वियों के इस मिलन के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर भावुक हो गईं और फफक-फफक कर रो पड़ीं। नीचे दिए गए वीडियो में देखा जा सकता है कैसे साध्वी प्रज्ञा गाड़ी में बैठी रो रही हैं और उमा भारती उन्हें दुलार रही हैं। उमा भारती ने इस दौरान हँसकर माहौल को ठंडा करना चाहा और पुचकारा भी। शुरुआत में ऐसी चर्चा चल रही थी कि साध्वी प्रज्ञा के भोपाल से लड़ने और उनके ख़ुद के साथ तुलना होने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री ख़ुश नहीं थीं लेकिन इस वीडियो के आने के बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया। उमा भारती और साध्वी प्रज्ञा के इस मिलन को भोपाल की राजनीति का नया मोड़ माना जा रहा है।

कुछ दिनों से ख़बरें चलाई जा रही थीं कि उमा और प्रज्ञा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और दोनों के बयानों के ग़लत मतलब निकाले जा रहे थे लेकिन आज इन अटकलों पर विराम लग गया। उमा ने प्रज्ञा सिंह के पाँव छुए और उन्हें टिका लगाकर खीर भी खिलाई। प्रज्ञा सिंह से मुलाक़ात के बाद बाद उमा भारती ने कहा:

“मैं उनका (प्रज्ञा) बहुत सम्मान करती हूँ। मैंने उन पर हुए अत्याचार देखे हैं। इस मायने में वे पूजनीय हैं। मैं उनके लिए प्रचार करुँगी। वहीं, प्रज्ञा ने कहा- साधु-संन्यासी कभी एक-दूसरे से नाराज नहीं होते। मैं उनसे मिलने आई हूँ और हम दोनों के बीच हमेशा से आत्मीय संबंध रहे हैं, बाकी बातें राजनीतिक प्रपंच के लिए बना ली जाती हैं।”

मध्य प्रदेश के खजुराहो से 4 बार सांसद रह चुकीं उमा भारती भोपाल की सांसद भी रह चुकी हैं क्षेत्र की राजनीति में आज भी उनका प्रभाव है और शायद इसी कारण उनके भोपाल से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही थी। उमा भारती के मना करने के बाद इस सीट से भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा पर दाँव खेला। वर्तमान में उमा भारती मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और झाँसी की सांसद हैं। साध्वी प्रज्ञा का मुक़ाबला 10 वर्षों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह से है। दिग्विजय विवादित बयानों की वजह से जाने जाते रहे हैं और 26/11 मुंबई हमले को उन्होंने आरएसएस की साज़िश करार दिया था। दिग्विजय सिंह ने साध्वी प्रज्ञा के चुनाव मैदान में उतरने के बाद ‘हर नर्मदे’ के नारे को अपना चुनावी वाक्य बना लिया है।

साध्वी प्रज्ञा ने कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान अपने ऊपर हुए ज़ुल्म को चुनावी मुद्दा बनाया है। कॉन्ग्रेस द्वारा जबरन इज़ाद किए गए कथित ‘हिन्दू आतंकवाद’ को मुद्दा बनाकर दिग्विजय को लगातार घेर रही प्रज्ञा ठाकुर को जनता की सहानुभूति भी मिल रही है। जेल में और हिरासत में रहने के दौरान अपने साथ किए गए टॉर्चर को लगातार बयान करके साध्वी प्रज्ञा ने कॉन्ग्रेस को निशाने पर रखा है। उधर दिग्विजय सिंह ने कन्हैया कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि वो 8 एवं 9 मई को चुनाव प्रचार करने भोपाल आएँगे। सीपीआई दफ्तर पहुँचे दिग्विजय ने इस दौरान महात्मा गाँधी और कार्ल मार्क्स की तुलना करते हुए कहा कि दोनों में ज्यादा फ़र्क़ नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -