Sunday, November 17, 2024
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‘बंगाल के हर जिले में बम फैक्ट्री’: अमित शाह को झूठा बताने के लिए कॉन्ग्रेस समर्थक ने RTI जवाबों में की हेराफेरी

मंत्रालय ने कहा है कि गोखले ने 9 मार्च को जो जवाब पोस्ट किया वह किसान आंदोलन में खालिस्तानी संलिप्तता को लेकर था न कि बंगाल में बम फैक्ट्री को लेकर।

कॉन्ग्रेस समर्थक और तथाकथित आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने आरटीआई आवेदन के मिले जवाबों को गलत तरीके से पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय ने बताया है कि गोखले ने आरटीआई के तहत दिए जवाब को गलत तरीके से पेश करते हुए दावा किया कि मंत्रालय को पश्चिम बंगाल में बम फैक्ट्री की कोई जानकारी नहीं है। कई मीडिया हाउस ने गोखले के दावों के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया।

गोखले ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए दावे सही थे या नहीं, यह जानने के लिए आरटीआई दायर की थी। अक्टूबर 2020 में एक टीवी साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के ‘हर जिले में बम फैक्ट्री’ है। गोखले ने अक्टूबर 2020 में आरटीआई दायर कर गृह मंत्रालय से इन अवैध बम बनाने फैक्ट्री का विवरण माँगा था। 

उसने आरटीआई आवेदन में चार सवाल पूछे थे। उसने बम फैक्ट्री की जिलेवार सूची माँगी चाहिए थी, जिसका जिक्र गृह मंत्री द्वारा किया गया था। इसके अलावा उसने पूछा था कि बम फैक्ट्री को लेकर कभी आधिकारिक ब्रीफिंग दी गई हो तो उसे भी उपलब्ध करवाया जाए। उसका अगला सवाल था कि क्या गृह मंत्री का बयान आधिकारिक इनपुट पर आधारित था, और क्या इस तरह की फैक्ट्री की सूची पश्चिम बंगाल सरकार के साथ शेयर की गई है।

9 मार्च को, साकेत गोखले ने ट्वीट किया कि उसे अपने आरटीआई आवेदन का जवाब मिल गया है और दावा किया कि गृह मंत्रालय ने कहा है कि उनके पास वह जानकारी नहीं है जो माँगी गई है। गोखले ने जवाब का एक स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया। जिसके मुताबिक आरटीआई में उल्लेख किए गए प्वाइंट 1 से 3 के बारे मंत्रालय के पास जानकारी नहीं है। गृह मंत्रालय ने जवाब में यह भी कहा कि ‘पुलिस’ और ‘पुलिस ऑर्डर’ राज्य के विषय हैं और किसी तरह की आपराधिक/आतंकवादी गतिविधि को लेकर पहली जवाबदेही राज्य पुलिस की है। इसलिए मंत्रालय ने गोखले से राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से जानकारी माँगने को कहा।

गोखले ने यह भी दावा किया कि उसने चार सवाल पूछे, लेकिन मंत्रालय ने केवल तीन का ही उल्लेख किया। इस आधार पर उसने निष्कर्ष निकाला कि बंगाल में कोई बम फैक्ट्री नहीं है, क्योंकि उसने इसकी सूची राज्य सरकार से साझा किए जाने को लेकर जानकारी माँगी थी। उसने केंद्रीय गृह मंत्री को झूठा बताते हुए दावा किया कि बंगाल में कोई बम फैक्ट्री नहीं है और अमित शाह झूठी जानकारी दे रहे हैं।

हालाँकि अब गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि झूठ गोखले बोल रहे हैं। वे एक अलग आरटीआई पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया को गृह मंत्री को झूठा बताने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। मंत्रालय ने बताया है कि जनवरी में गोखले ने एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया था। इसमें उसने किसान आंदोलन में खालिस्तानी संगठनों की संलिप्तता को लेकर जानकारी माँगी थी। मंत्रालय ने कहा है कि गोखले ने 9 मार्च को जो जवाब पोस्ट किया वह इस आरटीआई को लेकर था न कि बंगाल में बम फैक्ट्री को लेकर।

गृह मंत्रालय ने बताया है कि खालिस्तानी मसले पर उन्हें गोखले के दो आरटीआई आवेदन ऑनलाइन मिले थे। एक सीधे और दूसरा कानून मामले के मंत्रालय के जरिए। इसका जवाब 3 मार्च को दिया गया। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि गोखले ने जान-बूझकर रेफरेंस नंबर को छिपाया है ताकि वह इसे बंगाल को लेकर माँगी गई सूचना से जोड़ सके।

MHA का कहना है कि उसके उत्तर स्पष्ट रूप से RTI आवेदनों, MHOME/R/T/21/00110 और MHOME/R/E/21/00149 की संदर्भ संख्या और उनकी तिथि 12 जनवरी 2021 को दिखाता है, जिससे स्पष्ट है कि वे किसान आंदोलन में खालिस्तानियों की संलिप्तता को लेकर माँगी गई जानकारी का जवाब दे रहे हैं।

मंत्रालय ने आगे बताया कि उन्होंने 18 अक्टूबर 2020 को बम कारखानों के संबंध में RTI प्राप्त नहीं की है और इसका जवाब नहीं दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि गोखले ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से ऐसा किया। उसने जवाब को सार्वजनिक रूप से गुमराह करने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ फैलाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे के साथ एक अलग RTI से जोड़ा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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