इंडिया ओवरसीज कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने हाल ही में ईवीएम पर सवाल उठाए और कहा कि अगर ईवीएम को फिक्स (सही) नहीं किया जाएगा तो हो सकता है कि भाजपा लोकसभा चुनावों में 400 सीट जीत जाए। ऐसा उन्होंने अजीत अंजुम को दिए इंटरव्यू में कहा।
उन्होंने इस साक्षात्कार के दौरान ईवीएम पर सवाल तो उठा दिए। हालाँकि जब उन्हें याद दिलाया गया कि चुनाव आयोग ने तो कहा ही था कि जो कह रहे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ है वो आकर साबित करें या इसे हैक करके दिखाएँ। तो इस पर पित्रौदा ने फौरन जवाब दिया कि इसका वो क्यों सबूत देंगे।
सैम पित्रोदा ने तिलमिलाकर कहा, “वे (चुनाव आयोग) हमसे सबूत क्यों माँग रहे हैं? ये तो उन्हें साबित करना चाहिए कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है। आप मुझे साबित करें कि मेरा वोट डाला हुआ गिना जाता है। आप इसे आज वीवीपैट के साथ साबित नहीं कर सकते। आज की ईवीएम है कोई स्टैंडअलोन मशीन नहीं है।”
पित्रोदा- EVM हैक हो सकता है
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 29, 2023
अंजुम- इलेक्शन कमीशन ने तो hackathon रखा था कि EVM हैक करके दिखाइए
पित्रोदा- हम क्यों Prove करें कि EVM हैक हो सकता? pic.twitter.com/xejXTomnYK
कॉन्ग्रेस नेता ने हाल ही में ईवीएम संबंधी अपनी चिंता चुनाव आयोग के आगे भी रखी थी। इस इंटरव्यू में उन्होंने इस संबंध में बात करते हुए कहा, “मैंने चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार किया लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो मैंने बोलने का फैसला किया। इसका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि पाँच राज्यों में चुनाव खत्म हो चुके हैं और 2024 का चुनाव आ रहा है।…चुनाव आयोग को विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए जवाब देना चाहिए।”
उन्होंने कहा, अगर चुनाव आयोग ऐसा करता है तो वो और मजबूत होगा। निर्णय लेना देश पर होना चाहिए। ईवीएम को अगले चुनाव से पहले ही ठीक करना होगा। अगर ईवीएम ठीक नहीं होती हैं तो शायद बीजेपी का 400 का आँकड़ा सही हो जाए। अगर होती है तो शायद 400 सीट न मिले।
अपने इंटरव्यू में सैम पित्रौदा ने बार-बार चुनाव आयोग से ये साबित करने को कहा कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं होती जबकि चुनाव आयोग 2017 में ही ये दावा कर चुका है कि ईवीएम मशीनें गड़बड़ नहीं हो सकतीं।
बता दें कि ईवीएम पर विवाद कोई नया नहीं हैं। जब-जब विपक्षी पार्टी ने चुनाव हारे हैं या भाजपा को ज्यादा मार्जिन से जीतते हुए देखा है तो उन्होंने हमेशा ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। यही जब उनकी जीत किसी राज्य में हुई तो ईवीएम का रोना कहीं नहीं रोया गया।