Friday, November 22, 2024
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‘मोदी को राष्ट्रपिता कहना उनका अपमान’: जेल से निकलने के बाद संजय राउत ने शुरू की बयानबाजी, ‘सामना’ में बाल ठाकरे की बात को ही बता दिया गैर-ज़रूरी मुद्दा

इस दौरान राऊत ने भाजपा पर बलिदानियों का सम्मान न करने का भी आरोप लगाया है। संजय राऊत का यह लेख 'सामना' के साप्ताहिक कॉलम रोकटोक' में छपा है।

‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपिता कहने वाले बयान पर तंज कसा है। पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे गए एक लेख में राउत ने ऐसा कहना मोदी का अपमान बताया है। हालाँकि इस दौरान उन्होंने महंगाई, गरीबी आदि का भी जिक्र किया। यह बयान उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस द्वारा नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपिता कहने के जवाब में दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामना में लिखे गए एक लेख में संजय राउत ने भाजपा से सवाल किया है कि क्या वो अमृता फडणवीस के बयान से सहमत हैं। राऊत के मुताबिक भारत गरीबी, आतंकवाद से पीड़ित है और ऐसे समय में मोदी को नया राष्ट्रपिता बताया जा रहा है। राउत ने यह भी सवाल किया कि भाजपा वीर सावरकर को राष्ट्रपिता क्यों नहीं कहती। उन्होंने RSS पर सावरकर विरोधी होने का भी आरोप लगाया।

इस दौरान राउत ने भाजपा पर बलिदानियों का सम्मान न करने का भी आरोप लगाया है। संजय राउत का यह लेख ‘सामना’ के साप्ताहिक कॉलम रोकटोक’ में छपा है। इसी लेख में राऊत ने आगे कहा कि भाजपा ने भारत को नए और पुराने रूप में बाँट दिया है। हालाँकि, इसी लेख में यह स्वीकार किया गया है कि शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बाला साहब ठाकरे गाँधी को राष्ट्रपिता कहे जाने के विरोधी थे। लेकिन राउत ने इस बात को वर्तमान में गैर-जरूरी मुद्दा करार दे दिया।

इसी लेख में संजय राउत ने कॉन्ग्रेस द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल को अपनी तरफ से दोहराया है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के योगदान पर सवाल खड़ा किया है। भाजपा द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दिए जा रहे सम्मान पर भी संजय राउत ने तंज कसा है। उन्होंने इन कार्यों को कॉन्ग्रेस से जुड़े महापुरुषों के प्रतीक चुराने जैसे काम करार दिया।

गौरतलब है कि अमृता फडणवीस ने कुछ समय पहले अपने इंटरव्यू में गाँधी को पुराना और नरेंद्र मोदी को भारत का नया राष्ट्रपिता कहा था। इस बयान का विरोध गाँधी के प्रपौत्र तुषार गाँधी ने भी किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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