Monday, December 23, 2024
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‘संजय राउत ने मेरे पीछे जासूस छोड़े, अब मिल रही धमकी’: ₹1000 करोड़ के घोटाले की मुख्य गवाह का खुलासा

पाटकर ने यह भी बताया कि पहले राउत ने उनके पीछे जासूस लगाए अब उन्हें परेशान कर रहे हैं। 1034 करोड़ के इस घोटाले की जांच ईडी कर रही है।

उद्धव ठाकरे ग्रुप की शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत मुंबई के पात्रा चॉल घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के मुख्य आरोपित हैं। ईडी इस केस की जाँच कर रही है। अब इस केस की मुख्य गवाह ने आरोप लगाया है कि संजय राउत उन्हें और उनके परिवार को धमका रहे हैं। यही नहीं, उनकी जासूसी कराई जा रही है। इस केस की मुख्य गवाह डॉ स्वप्ना पाटकर ने बाकायदा पत्र लिखकर कार्रवाई की माँग की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई के पात्रा चॉल घोटाले में मुख्य गवाह स्वप्ना पाटकर ने शिवसेना नेता संजय राउत पर धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने विधान परिषद की उपाध्यक्ष को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि वे उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने मामले में विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम ताई गोरहे से खुद की सुरक्षा करने की गुहार लगाई है। पाटकर ने यह भी बताया कि पहले राउत ने उनके पीछे जासूस लगाए अब उन्हें परेशान कर रहे हैं। 1034 करोड़ के इस घोटाले की जाँच ईडी कर रही है।

मुंबई के पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्य गवाह पाटकर ने पत्र में लिखा, “संजय राउत मुझे और मेरे परिवार को परेशान कर रहे हैं। मैं जहाँ भी जाती हूँ, मेरा पीछा किया जाता है। 3 मई को बीकेसी में भी मेरा पीछा किया गया था। मुझ पर पहले भी हमला हो चुका है। एक मामला दर्ज किया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।”

उन्होंने दावा किया कि संजय राउत ने उन पर नजर रखने के लिए जासूसों को काम पर रखा था। “एक जासूस को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन राउत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुझे धमकी दी और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया गया। मुझे दुबई और पाकिस्तान से धमकी भरे कॉल आए। मेरे वाहन पर हमला किया गया। घर पर शराब की बोतलें फेंकी गईं।”

गौरतलब बै कि मुंबई के गोरेगांव में एक इलाका सिद्धार्थ नगर है। इसे पॉल चात्रा के नाम जाना जाता है। यहां 47 एकड़ में 672 घर बने हैं। 2008 में म्हाणा ने पात्रा चॉल को रीडेवलप के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया। इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को 672 फ्लैट दिए जाने थे और बची जमीन को प्राइवेट डेवलपर्स को बेचना था। इतने साल बीत जाने के बाद लोगों को अपने फ्लैट का इंतजार है। ईडी ने 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में संजय राउत को 1 अगस्त को गिरफ्तार भी किया था लेकिन, वो जमानत पर बाहर आ गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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