Sunday, November 17, 2024
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‘सावरकर ने कहा था गोमांस से समस्या नहीं, कई हिन्दू खाते हैं बीफ’: दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा MLA का पलटवार – दंगे कराना चाहते हैं

वीर सावरकर का कहना था कि पहले गाय को बचाइए, फिर उसकी पूजा करने की सोचिए। उन्होंने मजहब के नाम पर गोहत्या की निंदा की थी। उन्होंने आर्थिक कारणों से ही नहीं, गैर-हिन्दुओं को गोरक्षा का कर्तव्य बताते हुए कहा था कि गोहत्या करने वाले 'आसुरी' प्रवृत्ति के हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि गोमांस खाने से कोई परहेज नहीं है। दिग्विजय सिंह ने ये भी दावा किया कि स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर ने हिन्दू धर्म और हिंदुत्व को अलग-अलग बताया है। दिग्विजय सिंह के अनुसार, वीर सावरकर ने गाय को एक पशु बताते हुए लिखा है कि वो अपने ही मल में लोट लेती है, वो कहाँ से भला हिन्दुओं की माता हो सकती है? कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शनिवार (25 दिसंबर, 2021) को ये बयान दिया।

दिग्विजय सिंह ने सावरकर के हवाले से कहा कि गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है, ऐसा वो खुद मानते थे। भारत को विविधताओं का देश बताते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि देश में कई ऐसे हिन्दू हैं जो गोमांस खाते हैं। साथ ही उन्होंने पूछा कि ऐसा कहाँ लिखा है कि गोमांस न खाया जाए? इस दौरान दिग्विजय सिंह ने अधिकतर हिन्दुओं को गोहत्या के खिलाफ बताया। साथ ही उन्होंने लोगों से हाथ उठवा कर पूछा कि सावरकर के इस बयान के बारे में कितने लोगों को मालूम था?

उन्होंने वीर सावरकर को भाजपा और RSS का विचारक बताते हुए लोगों से पूछा कि अब वो ये बात भाजपा-संघ के नेताओं के सामने कहेंगे या नहीं? सेकंड स्टॉप तुलसी नगर नर्मदा मंदिर भवन में आयोजित कॉन्ग्रेस के ‘जन जागरण अभियान’ की सभा में उन्होंने ये बातें कही। संगठन को मजबूत करने के लिए गुस्सा पीकर चलने और गाली देने वाली को भी पुचकारने की सलाह देते हुए कार्यकर्ताओं को दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा और RSS देश को बाँटना चाहते हैं।

हालाँकि, सावरकर पर विस्तृत शोध कर के दो पुस्तकें लिख चुके इतिहासकार डॉक्टर विक्रम संपत ने स्पष्ट बताया था कि वीर सावरकर ने अपने जीवन में कभी बीफ नहीं खाया। हाँ, ये सही है कि सावरकर नहीं चाहते थे कि गाय को भगवान माना जाए, लेकिन वो ये मानते थे कि गाय मानव जाति के लिए उपयोगी है और हमें उसका पूरा फायदा उठाना चाहिए। उनका कहना था कि रक्षा के लिए पूजा वाली बात सही है, लेकिन किसी की पूजा करना और रक्षा करा भूल जाना ठीक नहीं है।

उन्होंने यहाँ ‘सिर्फ’ शब्द का प्रयोग किया है – ध्यान दीजिए। वीर सावरकर का कहना था कि पहले गाय को बचाइए, फिर उसकी पूजा करने की सोचिए। उन्होंने मजहब के नाम पर गोहत्या की निंदा की थी। उन्होंने आर्थिक कारणों से ही नहीं, गैर-हिन्दुओं को गोरक्षा का कर्तव्य बताते हुए कहा था कि गोहत्या करने वाले ‘आसुरी’ प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने गाय से घृणा त्यागने की सलाह भी गैर-हिन्दुओं को दी। हालाँकि, आज उन्हें ‘गोमांस को बढ़ावा देने वाला’ बता कर झूठा नैरेटिव फैलाया जाता है।

भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के बयान से नाराजगी जताते हुए उन्हें हिन्दुओं के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाला करार दिया। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर वीर सावरकर के नाम पर गलत टिप्पणी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो मुस्लिमों को अधिक संख्या में गोहत्या करने के लिए उकसाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय ऐसा कर के दंगे कराना चाहते हैं, ताकि कॉन्ग्रेस हिन्दू-मुस्लिम राजनीति की रोटियाँ सेंक सके। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म के लिए इतनी मेहरबानी तो करो कि गाय को गौमाता कहो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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