कोलकाता में मंगलवार को विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाँचवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उदघाटन किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम ऐसी जगह हो रहा है जहाँ मानवता की सेवा करने वाली विभूतियों ने जन्म लिया है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम ऐसे वक़्त में हो रहा है कि जब 7 नवम्बर को सीवी रमण और 30 नवम्बर जगदीश चन्द्र बोस की जयंती है।
There are no failures in science.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2019
There are efforts.
There are experiments.
And, finally, there is success! pic.twitter.com/wzfx4Qlcjs
‘RISEN-रिसर्च इनोवेशन एंड साइंस इम्पावरिंग दा नेशन’ को कार्यक्रम का थीम रखने के लिए पीएम मोदी ने आयोजकों का आभार प्रकट किया और कहा कि देश में साइंस और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम बड़ा मज़बूत होना चाहिए। इसपर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इकोसिस्टम ऐसा होना चाहिए जो प्रभावी हो और प्रेरणादाई भी।
At the India International Science Festival, one of the topics we disused was Scientific Temper.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2019
Here is what I feel on the subject.
Do hear. pic.twitter.com/DA6gqKFbBN
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को भी संबोधित किया और कहा कि वे चुनौतियों को अपनी अपनी तरह से हल करें। उन्होंने कहा कि नीतियों और आर्थिक मदद के ज़रिए हजारों स्टार्टअप को सपोर्ट किया। देश में फैले साइंटिफिक टेम्परामेन्ट पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि आज यह देश में एक अलग ही स्तर पर है। उन्होंने चंद्रयान का उदहारण देते हुए बताया कि कैसे भारत के वैज्ञानिकों ने उस मिशन में पूरी मेहनत की थी, बहुत उम्मीदें बंध जाने के बाद भी वह योजना के अनुसार नहीं हुआ मगर अंततः इस मिशन में भारत के वैज्ञानिकों को सफलता हाथ लगी।
मुझे खुशी है कि देश में आज Scientific Temper एक अलग स्तर पर है।
— PMO India (@PMOIndia) November 5, 2019
मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं।सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था: PM @narendramodi
विज्ञान के प्रति युवाओं में बढती रूचि को लेकर मोदी ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि विद्यार्थियों की शक्ति को 21वीं सदी के साइंटिफिक एनवायरनमेंट में सही माहौल में लेकर जाएँ, एक अच्छा प्लेटफोर्म दें। इस दौरान उन्होंने संस्कृत के ही एक श्लोक का भी ज़िक्र किया “तत् रूपं यत् गुणाः। तत् विज्ञानं यत् धर्मः” यानि आपका बाहरी व्यक्तित्व तभी सार्थक है जब आप गुणवान भी हों, इसी तरह विज्ञान उपयोगी वही है जो समाज के लिए हितकारी हो।
Nurturing an eco-system that harnesses science, technology and innovation. pic.twitter.com/JUcBA9AKk9
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2019
उन्होंने साइंस फॉर सोसाइटी के महत्त्व पर बात करते हुए बताया कि कैसे विज्ञान के इस्तेमाल से जीवन सुगम बनाया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि “विज्ञान में फेलियर कुछ नहीं होता, सब कुछ प्रयत्न या प्रयोग होते हैं और फिर कामयाबी होती है। इसीलिए लम्बे मुनाफे का सोचना चाहिए।