बिहार के बेतिया की सत्र अदालत में एडवोकेट मुराद अली ने कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ़्ती, उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का विरोध कर रहे अन्य नेताओं के खिलाफ देशद्रोह समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। बकौल मुराद अली, इन नेताओं ने देश में शत्रुता और वैमनस्य बढ़ाने और हिंसा भड़काने वाले बयान दिए हैं।
Bihar: Sedition case filed against Omar Abdullah, Mehbooba Mufti & several others by an advocate, for opposing the abrogation of Article 370, at a court in Bettiah, West Champaran. Advocate says, “Court has taken cognizance of the case, next hearing is on 24th September” (6.8.19) pic.twitter.com/7awfLIBEXs
— ANI (@ANI) August 6, 2019
24 सितंबर को सुनवाई
मुराद अली ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुआ बताया कि अदालत ने उनकी बात को सुना और केस न्यायिक मजिस्ट्रेट केके शाही के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया, “मैंने मुकदमा भारतीय दंड विधान की धाराओं 124A (देशद्रोह), 153A (विभिन्न पंथिक समूहों, नस्लों, जन्मस्थान वालों, भाषाई समूहों और स्थान पर रहने वालों के बीच दुश्मनी बढ़ाना), 153B किसी भी समूह पहचान पर उनकी राष्ट्रीय निष्ठा पर सवाल उठाना या उनके हक़ छीनने की वकालत करना), 504 (अशांति भड़काने के इरादे से अपमानजनक बात कहना) और 120B (आपराधिक षड्यंत्र) में मुकदमा दर्ज कराया है।” मुराद ने बताया कि उनको अगली तारीख 24 सितंबर की मिली है।
मुराद ने कहा है कि विभिन्न संचार माध्यमों से मुफ़्ती और अब्दुल्ला ने देश की सरकार के ख़िलाफ़ जनता को भड़काते हुए 370 हटाने का विरोध किया है। उनके मुताबिक, “इन नेताओं ने देश के अन्य राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने देश की एकता और अखंडता चोट पहुँचाई है।”
गौरतलब है कि महबूबा ने भारत को कश्मीर में ‘कब्जा की हुई ताकत’ (occupation force) बताया था और कश्मीर को ‘मुस्लिमों का राज्य’ कहा था, वहीं उमर अब्दुल्ला ने भी इस बिल का विरोध किया था।