समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान की तुलना भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों से की थी। अब उनके खिलाफ इस बयान के लिए यूपी पुलिस ने FIR दर्ज की है। उनके अलावा दो अन्य लोगों ने भी इन्हीं बातों को दोहराया था, इसीलिए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एसपी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा-124A (राजद्रोह) के तहत FIR हुई है।
It was complained that MP Shafiqur Rahman Barq compared Taliban to India's freedom fighters. Such statements qualify as sedition. So FIR registered against him u/s 124A (sedition), 153A, 295 IPC. Two others said similar things in an FB video, they've also been booked: Sambhal SP https://t.co/AKGCHXUB8W pic.twitter.com/n5SvRKc9Q7
— ANI UP (@ANINewsUP) August 18, 2021
साथ ही उनके खिलाफ IPC की धाराएँ 153A (लिखित या मौखिक रूप से ऎसा बयान देना जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती हो) और 295 (किसी धर्म का अपमान) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। भाजपे ने इस बयान का विरोध करते हुए कहा कि सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वालों का अपमान किया है।
पार्टी ने कहा कि ये बयान इनकी मानसिकता दर्शाता है और इस अपमानजनक टिप्पणी के लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी चाहिए। यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशवा प्रसार मौर्या ने कहा कि अगर कोई ऐसा बयान देता है तो फिर उसमें और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान में अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि सपा में कुछ भी हो सकता है। बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहाँ भगदड़ की स्थिति है।
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था, ” तालिबान एक ऐसी ताकत है, जिसने रूस और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को भी अपने देश पर कब्जा नहीं करने दिया। अब तालिबान अपने देश को आजाद कर उसे चलाना चाहता है, यह उसका आंतरिक मामला है। भारत में भी अंग्रेजों से पूरे देश ने लड़ाई लड़ी थी। रहा सवाल हिंदुस्तान का तो यहाँ कोई अगर कब्जा करने आएगा तो उससे लड़ने को देश मजबूत है।”
91 वर्षीय शफीकुर्रहमान बर्क फ़िलहाल संभल से ही सांसद हैं। वो मोरादाबाद से 3 बार और संभल से 2 बार सांसद रहे हैं। पहले वो बसपा में हुआ करते थे, लेकिन फरवरी 2014 में उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। 2017 में वो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM में चले गए थे लेकिन फिर सपा में लौटे। उन्होंने राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ को इस्लाम के खिलाफ बताया था और कहा था कि मुस्लिमों को ये नहीं गाना चाहिए।