हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने हुर्रियत नेताओं को बेनकाब करते हुए खुलासा किया था कि घाटी के बच्चों के हाथ में पत्थर पकड़ाने वाले हुर्रियत नेता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजकर पढ़ाते हैं। जिसके बाद इस मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा था और हर जगह मीडिया खबरों में ये बात छाई हुई थी कि 112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में पढ़ाई का विरोध करने वालों के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं और लाखों के वेतन पर नौकरी कर रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) July 2, 2019
इनकी बातों में आकर पत्थर मत उठाइए। 130 अलगाववादियों के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं और वे यहां स्कूल बंद कराते हैं: गृह मंत्री श्री @AmitShah pic.twitter.com/Ba44ciElaR
अब इसी मामले के मद्देनजर टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार आईएस अधिकारी से राजनीति में आने वाले शाह फैसल ने अलगाववादियों का बचाव करते हुए बयान दिया है, “हुर्रियत नेताओं को अपने बच्चों को विदेश भेजने का पूरा अधिकार है। जब दूसरे लोग अपने बच्चों को विदेश भेज सकते हैं तो हुर्रियत नेता क्यों नहीं भेज सकते।“
जम्मू-कश्मीर-पूर्व आईएएस अधिकारी ने हुर्रियत नेताओं को विदेश भेजने के लिए राजनेता शाह फैसल को बदल दिया। “हुर्रियत नेताओं को अपने बच्चों को शिक्षा के लिए विदेश भेजने का पूरा अधिकार है। जब दूसरे अपने बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए भेज सकते हैं तो हुर्रियत नेताओं के बच्चे क्यों नहीं ”।
— Live Today (@livetodayonline) July 4, 2019
लेकिन, बता दें कि शाह फैसल ने जिस प्रकार से बयान देकर अलगाववादियों का समर्थन करने की कोशिश की है, मसला वैसा है ही नहीं। यहाँ केवल अन्य लोगों की भाँति बच्चों को विदेश भेजने के लिए इन नेताओं पर सवाल नहीं उठ रहे हैं बल्कि इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि ये नेता राज्य की शिक्षा व्यवस्था से लेकर चुनावों तक में खलल डालते हैं। घाटी के लोगों को भड़काते हैं, लेकिन जब अपने बच्चों की बात आती है, तो उन्हें विदेश भेजकर उच्च शिक्षा सुनिश्चित करते हैं।
अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, 112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। कश्मीर के बच्चों के हाथों में क़िताब की जगह पत्थर देकर उनका भविष्य बर्बाद करने वाले ये अलगावादी ख़ुद के बच्चों के भविष्य को लेकर काफ़ी सजग हैं।
4 हुर्रियत नेताओं के 21 पुत्र, पुत्रियाँ, बहनें और बहुएँ अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इरान, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन यही अलगावादी राज्य के बच्चों का भविष्य अधर में लटका कर रखते हैं। उनके सभी परिजन विदेश में ऐशोआराम की ज़िंदगी जी रहे हैं।
112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। 4 हुर्रियत नेताओं के 21 पुत्र, पुत्रियाँ, बहनें और बहुएँ US, UK, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इरान, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में पढ़ाई कर रहे हैं।#JammuAndKashmir #PROPAGANDA #terrorismhttps://t.co/H7HL36DARg
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 4, 2019