आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में पार्टी ने दावा किया है कि असामाजिक तत्व कुछ राजनीतिक दलों के संरक्षण में बड़ी हिंसा की तैयारी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसे सूत्रों से पता चला है कि रविवार (फ़रवरी 2, 2020) को बड़ी हिंसा की साज़िश रची जा रही है, जिसे क़ानून-व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया जा सके और दिल्ली में होने वाले चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाया जा सके।
आप ने चुनाव आयोग से दरख्वास्त की है कि वो दिल्ली पुलिस व अन्य एजेंसियों को निर्देश देकर तुरंत इस मामले की जाँच कराए, जिससे किसी भी प्रकार की आपराधिक साज़िश को रोका जा सके।
https://twitter.com/ANI/status/1223684322068033537?ref_src=twsrc%5Etfwदरअसल, शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में कई इश्तेहार जारी किया है, जिसमें 2 फ़रवरी को प्रदर्शन के 50 दिन पूरे होने के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों से जमा होने को कहा गया है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि पिछले 50 दिनों में उनके ‘लोकतान्त्रिक और शांतिपूर्ण’ प्रदर्शन के दौरान उन्हें डराने-धमकाने और ख़तरे में डालने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनलोगों के ख़िलाफ़ गलतबयानी करते हुए घृणा फैलाई जा रही है। इन सबके लिए शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने भाजपा और हिन्दू सेना को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि शनिवार को एक व्यक्ति ने पिस्तौल लहराते हुए धरनास्थल पर फायरिंग की, जिससे बुजुर्ग महिलाओं व बच्चों को ख़तरा उत्पन्न हो गया है। प्रदर्शनकारियों की विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि हिन्दू सेना ने उन्हें जिहादी बताते हुए 2 फ़रवरी को उन्हें हटाने की योजना बनाई है। इस विज्ञप्ति में जामिया नगर में फायरिंग करने वाले नाबालिग का भी जिक्र किया गया है और दावा किया गया है कि हिन्दू महासभा उसे सम्मानित करेगी। दिल्ली चुनाव की बात करते हुए प्रदर्शनकारियों ने अपील की है कि 2 फ़रवरी को लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटें और उनके प्रति मज़बूती से खड़े होने का सन्देश दें।
शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने अपने विरोध-प्रदर्शन को अहिंसक करार दिया। हिन्दू महासभा की धमकी, जामिया नगर फायरिंग और शाहीन बाग़ फायरिंग के नाम पर लोगों से भीड़ जुटाने की अपील की जा रही है। ये शाहीन बाग़ के उपद्रवियों की हताशा का भी परिणाम है, जिन्हें खुल कर किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं मिल रहा है और उसका सरगना शरजील इमाम देशद्रोह के आरोप में पुलिस के शिकंजे में है। ऐसे में, कहा जा रहा है कि शाहीन बाग के उपद्रवी विरोध-प्रदर्शन बंद करने का कोई न कोई बहाना ढूँढ रहे हैं।
जामिया नगर और शाहीन बाग़ में हुई फायरिंग की घटनाओं में कोई क्षति नहीं पहुँची है। दोनों ही घटनाओं में आरोपित अकेला था और पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद उसने अपना नाम-पता सब कुछ बताया। ऐसे कई संगठन हैं जो बिना बात भी धमकियाँ देते रहते हैं, लेकिन ग्राउंड पर उनका कोई असर नहीं होता। ऐसे में इन चीजों को बहाना बना कर इश्तेहारों के जरिए भीड़ जुटाने का प्रयास बताता है कि शाहीन बाग़ के उपद्रवियों के मंसूबे फेल हो चुके हैं।