अपनी हालिया ‘सेक्युलर’ और ‘लिबरल’ छवि वाले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ‘अज़ान पाठ प्रतियोगिता’ के आयोजन की योजना से मुकर गई है। शिवसेना दक्षिण मुंबई डिवीजन के प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने पिछले इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अज़ान शांतिपूर्ण और सुखदायक लगी, हालाँकि बाद में उन्होंने कहा कि अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करना केवल एक मुस्लिम पार्टी के अधिकारी द्वारा दिया गया सुझाव था और इस तरह के आयोजन की उनकी कोई योजना नहीं है।
अज़ान पाठ प्रतियोगिता की कोई योजना नहीं
पांडुरंग सकपाल पीछे हटते हुए दावा करते हैं कि उनके पास अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करने की कोई योजना नहीं है। बता दें कि सकपाल की अजान की प्रशंसा करते और अजान पाठ प्रतियोगिता करने की घोषणा सोशल मीडिया वेबसाइटों पर वायरल हो गई थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी ने शिवसेना को लताड़ लगाई थी।
भाजपा ने घोषणा की आलोचना करते हुए कहा था कि शिवसेना ने हिंदुत्व के लिए अपना समर्थन पहले ही छोड़ दिया था और अजान पाठ की प्रतियोगिता की घोषणा करके वह अपने नवगठित ‘सेक्युलर’ साख को जलाने की कोशिश कर रही है। ऐसा वह अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करने के लिए कर रही है।
अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करने की अपनी घोषणा के बाद पांडुरंग सकपाल ने ये कहते हुए यू-टर्न लिया कि उन्होंने पार्टी के मुस्लिम पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के सुझाव के बारे में बताया था।
सकपाल ने बताया, “उन्होंने कहा कि उनके बच्चे सड़कों पर घूम रहे थे और हमें उनके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करनी चाहिए। फिर भगवद गीता पाठ प्रतियोगिता की तर्ज पर जो हम अपने क्षेत्र में आयोजित करते हैं, मैंने उन्हें एक ऑनलाइन अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया।”
इससे पहले कल (30 नवंबर, 2020), शिव सेना के प्रमुख पांडुरंग सकपाल द्वारा अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था। अज़ान पाठ प्रतियोगिता आयोजित करने का विचार उनके दिमाग में कैसे आया, इस बारे में बात करते हुए, सकपाल ने कहा था, “मैं मरीन लाइन्स में बड़ा कब्रिस्तान के बगल में रहता हूँ। यही कारण है कि मुझे हर दिन अजान सुनने को मिलती है। मैंने अजान को अद्भुत और मनभावन पाया है। जो भी इसे एक बार सुनता है, वह अजान के अगले शेड्यूल का बेसब्री से इंतजार करता है। यही कारण है कि मेरे मन में मुस्लिम समुदाय के बच्चों के लिए अज़ान प्रतियोगिता आयोजित करने का विचार आया।”
सकपाल ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के बच्चे अजान का शानदार पाठ करते हैं। इस प्रतियोगिता को रखने का उद्देश्य प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए एक मंच प्रदान करना है। सकपाल ने यह भी कहा कि बच्चों को उनके उच्चारण, ध्वनि मॉड्यूलेशन और गायन के आधार पर पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कारों पर होने वाले खर्च का वहन शिवसेना करेगी।
सकपाल ने अज़ान की तुलना महाआरती से की
उन्होंने अजान की तुलना ‘महाआरती’ से करते हुए कहा था कि अजान केवल 5 मिनट का होता है। इसलिए, अगर किसी को इन कुछ मिनटों से परेशानी होती है तो उन्हें अनदेखा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अजान की परंपरा कई सदियों पुरानी है। यह कोई हाल की चीज नहीं है। इस तरह के विरोध को नजरअंदाज किया जाना चाहिए। महाआरती जितनी महत्वपूर्ण ही अज़ान है। यह प्यार और शांति का प्रतीक है।