महाराष्ट्र में सत्ता मिलते ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना के सुर बदल गए हैं। रामजन्मभूमि स्थल पर खुदाई में अवशेष मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा है कि फिलहाल मंदिर का निर्माण रोक देना चाहिए।
राउत ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए कहा कि यह राम मंदिर निर्माण और भारत-पाकिस्तान करने का नहीं है। यह वही शिवसेना है जो कभी राम मंदिर का श्रेय लेने का कोई मौका जाया नहीं करती थी। लेकिन, जब से उसने महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है उसके स्टैंड में बदलाव दिख रहा है।
टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार (21 मई 2020) को कहा, “हमारा पूरा ध्यान कोरोना से जंग पर है। खुदाई के दौरान जो अवशेष मिलेंगे उन्हें देखने वाले और लोग हैं। अभी राम मंदिर, भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को अलग रख दिया जाना चाहिए। अभी देश के सामने सबसे बड़ा संकट कोरोना वायरस है और उस पर फोकस करना चाहिए।”
संजय राउत के इस बयान को लेकर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है, “देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान…”
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान
— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 21, 2020
कितना बदल गया इनसान कितना बदल गया इनसान
सूरज न बदला चांद न बदला ना बदला रे आसमान
कितना बदल गया इनसान कितना बदल गया इनसान https://t.co/zvJW8kUHTd
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर खुदाई चल रही है। खुदाई में प्राचीन अवशेष मिल रहे हैं। कई पुरातात्विक मूर्तियाँ, खंभे और शिवलिंग मिले हैं, जो इस स्थान पर पहले एक मंदिर होने की तरफ इशारा करते हैं। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि मलबा हटाने के दौरान कई मूर्तियाँ और एक बड़ा शिवलिंग भी मिला है।
दरअसल, अयोध्या रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से ही राम मंदिर निर्माण की दिशा में पहल शुरू हो गई थी। लेकिन कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के चलते कुछ समय के लिए इसमें रुकावट आ गई थी।
संजय राउत के ताज़ा बयान के पीछे उस संकट को भी समझा जा सकता है, जिससे इन दिनों महाराष्ट्र बुरी तरह से जूझ रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 1390, जबकि इससे संक्रमित मरीजों की संख्या 39297 हो गई है।
आपकों बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सीएम पद को लेकर शिवसेना ने लंबे समय से सहयोगी रही बीजेपी का साथ छोड़ दिया था और धुर विरोधी कॉन्ग्रेस और एनसीपी का दामन थाम पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद से ही शिवसेना के सुर हिंदुत्व को लेकर बदले-बदले दिखाई देते हैं।