आर्टिकल 370 को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कॉन्ग्रेस पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि जो महाभूल पंडित नेहरू ने कश्मीर को लेकर किया था उसे सुधारने का काम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने किया है। उन्होंने ट्वीट किया है, “डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर के लिए बलिदान दिया। उस समय कश्मीर में प्रवेश करने के लिए परमिट लगता था और उन्होंने बिना परमिट प्रवेश किया। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि कश्मीर आज सभी बेड़ियों से मुक्त हो गया है।”
कुछ मीडिया रिपोर्टों और न्यूज एजेंसी एजेंसी एएनआई के मुताबिक कश्मीर का हवाला देते हुए शिवराज ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को अपराधी भी बताया। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने इसकी दो वजहें बताई। उन्होंने कहा, “जब भारतीय फौज कश्मीर से पाकिस्तानी कबाइलियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी, ठीक उसी वक्त नेहरू ने संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया। इस वजह से कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रह गया। यदि कुछ दिन और सीजफायर की घोषणा नहीं होती, तो पूरा कश्मीर भारत का होता।”
Former Madhya Pradesh Chief Minister & BJP leader Shivraj Singh Chouhan: His (Jawaharlal Nehru) second crime was Article 370, ‘ek desh mein do nishan, do vidhan, do pradhan’ it was not an injustice to the country but a crime against it. (10.8.19) https://t.co/Z5sC3oJwPK
— ANI (@ANI) August 10, 2019
उन्होंने आगे कहा, “जवाहर लाल नेहरू का दूसरा अपराध अनुच्छेद 370 था। भला एक देश में कैसे दो निशान, दो विधान (संविधान) और दो प्रधान अस्तित्व में हो सकते हैं? यह केवल देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि अपराध भी है।”
अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर शिवराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें वे आर्टिकल 370 पर अलग-अलग राय को लेकर भी कॉन्ग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस आज बिखर चुकी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुरली देवड़ा जैसे कॉन्ग्रेस नेता केन्द्र सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया है। 31 अक्टूबर को दोनों केन्द्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आएँगे। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही भाजपा नीत केन्द्र सरकार की नीयत पर कॉन्ग्रेस सवाल उठा रही है। हालॉंकि इस मसले पर मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रुख उलटे कॉन्ग्रेस को ही भारी पड़ रहा है और पार्टी के भीतर से ही इसके खिलाफ आवाज उठ रही है। इस मसले पर कॉन्ग्रेस में विभाजन स्पष्ट दिख रहा है।