केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान बुधवार (7 जुलाई, 2021) को एक के बाद एक कद्दावर नेताओं के इस्तीफे ने कल सियासी गलियारे में हलचल मचा दी। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवधर्न सहित 12 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया जिसके बाद सिर्फ ये सवाल उठा कि अब इन सब नेताओं का आगे क्या होगा? कुछ ने अटकलें लगाईं कि शायद इससे इनके पॉलिटिकल सफर की गति धीमी हो और कुछ ने कहा कि शायद इन्हें कोई नई जिम्मेदारी मिले।
दोनों तरह की बातों के बीच ये भी देखा गया कि मंत्रिमंडल में शामिल हुए नए चेहरों में भूपेंद्र यादव और अन्नपूर्णा देवी सहित कुछ ऐसे भी नाम हैं जो पार्टी संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारी निभा रहे थे, लेकिन अब उनको मंत्री पद दिया गया है और चूँकि भाजपा भी ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत पर चलती है। तो शायद इसलिए ये कयास तेज हैं कि इस्तीफा देने वाले कुछ नेताओं को आगे संगठन में नई जिम्मेदारियाँ बाँटी जाएँ।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन जैसे प्रमुख नेताओं से इसीलिए इस्तीफा ले लिया गया ताकि नए मंत्रिमंडल के बनने के साथ इनको पार्टी संगठन में कोई अन्य महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सके।
मालूम हो कि भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव को श्रम व रोजगार के अलावा वन व पर्यावरण मंत्री भी बनाया गया। वहीं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को शिक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है। इन दोनों नेताओं के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विश्वेश्वर टुडु, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर और तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष एल मुरुगन को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।
यहाँ आपको पार्टी संविधान के मद्देनजर संगठन की स्थिति के बारे में बता दें कि भाजपा में संसदीय बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 10 सदस्य होते हैं। पार्टी महासचिवों में से एक इस संसदीय बोर्ड का सचिव होता है। लेकिन, वर्तमान संसदीय बोर्ड में 7 ही सदस्य हैं।
इनमें भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री बी एल संतोष शामिल हैं। संसदीय बोर्ड में भी 3 पद फिलहाल रिक्त हैं।
ऐसे ही संगठन में भूपेंद्र यादव सहित आठ महासचिव हैं, अन्नपूर्णा देवी सहित 12 उपाध्यक्ष और टुडु सहित 13 सचिव हैं। पिछले साल शुरुआत में भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा ने करीब 8 महीने के बाद अपनी टीम बनाई थी। लेकिन अब पार्टी संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियाँ संभाल रहे नेताओं को मंत्री पद मिलने के बाद अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि पार्टी संगठन में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
इसके अलावा अगले साल की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ये भी संभव है कि इसको मद्देनजर रखते हुए रविशंकर प्रसाद, जावड़ेकर, निशंक और हर्षवर्धन सहित कुछ नेताओं को संगठन में शामिल करके राज्यों की अहम जिम्मेदारी मिले।