पश्चिम बंगाल के एक स्कूल की यूनिफॉर्म पर कमल फूल का लोगो होने के कारण विवाद हो गया। टीएमसी नेताओं ने इस लोगो को यूनिफॉर्म से हटाने के लिए स्कूल के गेट पर जमकर प्रदर्शन किया। विरोध का स्तर इस बीच इतना बढ़ गया कि स्कूल प्रशासन ने कमल के लोगो को अपने स्कूल की ड्रेस से हटाने का फैसला ले लिया।
West Bengal: Rania Free Primary School, located in South 24-Parganas district has decided to remove lotus from its logo that is embroidered on the school uniform. Bijali Das,Teacher Incharge says,”we have been using this logo for last 11-12 years as lotus is our national flower.” pic.twitter.com/0jcZsA2bab
— ANI (@ANI) February 18, 2020
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर जानकारी देते हुए टीचर इंचार्ज बिजली दास ने बताया कि वे पिछले 11-12 सालों से इस लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि कमल राष्ट्रीय फूल है। लेकिन अब जब कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने इसे यूनिफॉर्म से हटाने का फैसला किया है। उनके मुताबिक वे अब अपने स्कूल की ड्रेस पर सर्व शिक्षा मिशन के लोगो का इस्तेमाल करेंगे।
Bijali Das, Teacher Incharge: Suddenly some people have started raising objections so we thought of changing it. We will soon start using the logo of ‘Sarva Shiksha Mission’. People who were protesting includes TMC Councillor but no parents have protested. https://t.co/b2Sb70qXDW
— ANI (@ANI) February 18, 2020
टीचर इंचार्ज के मुताबिक, जिन लोगों ने यूनिफॉर्म पर कमल फूल देखकर विरोध किया, उनमें तृणमूल कॉन्ग्रेस के काउंसलर भी शामिल हैं। स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता ने कमल के लोगो पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
गौरतलब है कि राज्य में इस मामले को आधार बनाकर राजनीति शुरू हो गई है। तृणमूल की सरकार ने इसे भाजपा की चाल बताते हुए स्कूल संचालन समिति के साथ मिलकर अपना प्रचार-प्रसार करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर भाजपा ने तृणमूल के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
वहीं, विरोध करने वालों में से एक, रेखा सेनगुप्ता का इस मामले पर कहना है कि शिक्षा क्षेत्र राजनीति से मुक्त होना चाहिए। यह राजनीति करने की जगह नहीं है। उनके मुताबिक, हाल ही में उन्होंने यूनिफॉर्म पर कमल का लोगो देखा। बीजेपी का प्रतीक कमल है। इसलिए इसे तुरंत यूनिफॉर्म से हटा दिया जाना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें नियमों के अनुसार, स्कूल यूनिफॉर्म में मोटो होता है और स्कूल इसके बगल में अपने स्वयं के लोगो का उपयोग करने का हकदार है। शर्त ये होती है कि लोगो को पंजीकृत किया जाना चाहिए और इसका उपयोग केवल ड्रेस पर नहीं बल्कि अन्य संबंधित सामग्री पर भी किया जाना चाहिए। लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि स्कूल ने कमल के लोगो का उपयोग केवल यूनिफॉर्म पर किया। हालाँकि, आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रिंसिपल ने गलती को स्वीकार किया है और इसे बदलने का फैसला किया है।