मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने राज्य में पत्थरबाजों के ख़िलाफ़ सख्त कानून बनाने का निर्णय कर लिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि पत्थरबाजी सामान्य अपराध नहीं है। ऐसा करने वाले समाज के दुश्मन हैं और ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार (जनवरी 3, 2021) को मीडिया से बात करते हुए इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सजा के लिए कड़े कानून बना रहे हैं। इसमें उपद्रवियों के लिए सजा का प्रावधान होगा, साथ ही आरोपित को पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन, इंदौर और मंदसौर जैसे इलाकों में आपसी झड़प और पत्थरबाजी की घटनाओं को देखने के बाद यह निर्णय लिया । उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है। इससे लोगों की जान भी जा सकती है, इससे भय और आतंक का माहौल पैदा होता है, भगदड़ मचती है, अव्यवस्थाएँ होती हैं। वह बोले कि इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं होते हैं और इन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इनके ख़िलाफ़ अभी तक तो मामूली सी कार्रवाई होती थी, लेकिन अब कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बनेगा।
वह बोले कि पथराव करने वाले अक्सर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और आगजनी करने का भी सहारा लेते हैं। यहाँ तक कि घरों और दुकानों को भी जलाते हैं। सीएम ने कहा, “लोगों को लोकतंत्र में शांति से अपने मुद्दों को उठाने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की स्वतंत्रता नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन नए कानून के अंतर्गत अगर जरूरत पड़ी तो आरोपितों की संपत्ति को नीलाम करवा कर भी क्षति की भरपाई होगी। इस नए कानून के निर्माण के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही इन पर काम शुरू होगा।
गौरतलब है कि अभी हाल में मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित बेगमबाग इलाके में ‘रामनिधि संग्रहण’ रैली निकालने के दौरान मुस्लिम समुदाय के अराजक तत्वों ने हिन्दू संगठन पर पथराव किया था। इस घटना के बाद संज्ञान लेते हुए पुलिस ने उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की थी। खबरों के अनुसार, पुलिस और नगरपालिका की संयुक्त टीम ने उस घर को ध्वस्त कर दिया था, जिसके आस-पास मौजूद होकर कुछ महिलाएँ और बच्चे यात्रा निकालने वालों पर पथराव कर रहे थे।
#उज्जैन, बेगमबाग में जिस घर से राम भक्तों पर पत्थरबाजी हुई थी, उसे JCB द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है।
— Hindu Yuva Vahini Gujarat (@HyvGujarat) December 26, 2020
पहले शहर काजी के दबाव में प्रशासन नें अतिक्रमण को हटाने पर रोक लगा दी थी परंतु बाद में सामाजिक संगठनों व उज्जैन के जन सामान्य के कहने पर अवैध घर को गिरा दिया गया है। @ippatel pic.twitter.com/K23hpEhFId