राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मथुरा और काशी की मुक्ति का मुद्दा भी जोर पकड़ने लगा है। प्रयागराज में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल की पुण्यतिथि पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दोनों जगहों पर जमीन अधिग्रहित करने की मॉंग केंद्र सरकार से की। इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी रहे केके मुहम्मद ने कहा था कि मथुरा-काशी हिंदुओं के लिए मक्का-मदीना जैसा है। साथ ही उन्होंने दूसरे पक्ष से ये दोनों जगह हिंदुओं को सौंप देने की अपील की थी।
स्वामी ने केंद्र सरकार से कृष्ण जन्म स्थान और विश्वनाथ मंदिर के लिए जमीन अधिग्रहित करने की माँग करते हुए कहा कि संविधान में इसके लिए प्रावधान भी है। उनके इस वक्तव्य का पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने समर्थन किया। अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में जोशी और स्वामी के अलावा कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विहिप की ओर से ‘घर वापसी’ अभियान की घोषणा की गई थी। अब उसके एजेंडे में दोनों स्थानों पर मंदिर निर्माण का मुद्दा भी शामिल हो गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि आस्था धर्म से जुड़ा है। बिना आस्था के धर्म नहीं हो सकता और अयोध्या की तरह काशी व मथुरा भी बड़े धार्मिक केंद्र हैं। मथुरा में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ और वहाँ दर्शन-पूजन हमारी आस्था है। इसी तरह विश्वनाथ मंदिर देश के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक है, इसलिए वह भी आस्था का केंद्र है।
आगे उन्होंने कहा कि संविधान के मूलभूत ढाँचे की कल्पना 1980 के बाद साकार हो सकी। संविधान के मूल्य जो धर्म के साथ जुड़े हुए हैं, उनको आधारभूत ढाँचा कहा गया। इसलिए काशी और मथुरा में आस्था के आधार पर ही केंद्र सरकार को तेजी से आगे कदम बढ़ाना चाहिए और दोनों स्थानों पर मंदिर की कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराना चाहिए।
After Ayodhya, people now asking about Kashi Vishwanath, Krishna Janambhoomi : Dr @Swamy39
— Mahesh Joshi (@MaheshJoshi_MJ) December 2, 2019
Presiding over Ashok Singhal Memorial Lecture ,he said the govt should acquire the land required for the construction of temple in Mathura as national property
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इसके साथ ही सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में कानून बनाया था कि सरकार राष्ट्रहित में किसी भी जमीन का राष्ट्रीयकरण कर सकती है और किसी को दे सकती है। स्वामी ने आगे कहा कि राम मंदिर का आने के बाद लोग पूछ रहे हैं कि काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि का क्या करेंगे। वैसे तो देश में बहुत से मंदिर तोड़े गए लेकिन अयोध्या, काशी, मथुरा बन जाए तो बाकी भूलने के लिए तैयार हैं।
इस दौरान डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक का हिंदुओं ने सामना किया। देश आजाद हुआ तो उन्होंने अलग देश की माँग की, जिस पर पाकिस्तान बना दिया गया। वहाँ भी वे एक नहीं रह सके और दो टुकड़े हो गए। अब पाकिस्तान के चार टुकड़े होने वाले हैं, यह उनकी करतूतों के चलते ही होने वाला है।