Sunday, September 29, 2024
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‘प्रचार के लिए पैसा है, रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए नहीं?’: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से माँगा विज्ञापनों पर खर्च का ब्यौरा, लगाई फटकार

"क्या आप चाहते हैं कि हम यह देखें कि किस फंड का इस्तेमाल कहाँ किया गया है। क्या आप इस तरह का आदेश चाहते हैं कि विज्ञापन के लिए रखा गया पूरा फंड इस प्रोजेक्ट में लगाया जाना चाहिए।"

विज्ञापनों पर पानी की तरह पैसा बहाने के लिए ‘कुख्यात’ दिल्ली की केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। दरअसल, दिल्ली सरकार ने कहा था कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए उसके पास फंड नहीं है। इस जवाब से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को बीते 3 सालों में विज्ञापन पर हुए खर्च का ब्यौरा 2 सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच सोमवार (3 जुलाई 2023) को सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए फंड देने में वह असमर्थ है। 

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, “क्या आप चाहते हैं कि हम यह देखें कि किस फंड का इस्तेमाल कहाँ किया गया है। क्या आप इस तरह का आदेश चाहते हैं कि विज्ञापन के लिए रखा गया पूरा फंड इस प्रोजेक्ट में लगाया जाना चाहिए। आप अदालत को ऐसा करने के लिए ही कह रहे हैं।” इसके बाद कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए फंड देने में असमर्थता जताई है। फंड की कमी होना एक बड़ी समस्या है। इसलिए यह अदालत दिल्ली सरकार को 2 हफ्ते के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देती है। हलफनामे में बीते 3 वर्षों में विज्ञापन पर किए गए खर्चों का पूरा ब्यौरा होना चाहिए।

हालाँकि, दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट से कहा, “कोरोना महामारी के कारण हालत खराब हो चुकी है। साल 2020 में ही हमने कहा था कि हमारे पास फंड नहीं है।” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है, “क्या प्रोजेक्ट के लिए एक बार में ही पूरा फंड देने की आवश्यकता है? यह एक विकासकारी परियोजना है। हालाँकि फंड का मुद्दा राज्य सरकार का है। लेकिन जब यह कहा जा रहा है कि इस तरह की परियोजनाओं के लिए फंड है ही नहीं, तब हम यह जानना चाहते हैं कि आपने विज्ञापन जैसी किसी चीज पर कितना खर्च किया है।”

क्या है RRTS प्रोजेक्ट:

RRTS प्रोजेक्ट के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान से जोड़ने की प्लानिंग है। इस प्रोजेक्ट के तहत कम्प्यूटर द्वारा संचालित हाई स्पीड ट्रेनों की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा मुख्य रूप से इन ट्रेनों के जरिए माल ढुलाई करने की योजना है। 180 किलोमीटर प्रति घण्टे की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों से लेकर सफर और माल ढुलाई जल्दी होगी। बल्कि ट्रैफिक की परेशानी से भी निजात मिल जाएगी। RRTS के अंतर्गत बन रहे दिल्ली-मेरठ-गाजियाबाद रूट का काम अंतिम चरण में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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