Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाज'बद्रीनाथ बौद्ध मठ था, तोड़ कर बनाया गया मंदिर': ज्ञानवापी पर ASI सर्वे से...

‘बद्रीनाथ बौद्ध मठ था, तोड़ कर बनाया गया मंदिर’: ज्ञानवापी पर ASI सर्वे से भड़के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या, बोले – मिर्ची लगी न…

उन्होंने पूछा कि ASI इन सबकी जाँच क्यों नहीं कर सकता है? साथ ही सवाल दागा कि अगर मस्जिद से पहले वहाँ मंदिर था तो मंदिर से पहले वहाँ क्या था?

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने ज्ञानवापी में ASI के सर्वे को लेकर गड़बड़ बात की है। उन्होंने कहा कि अब इन्हें आस्था याद आ रही है, क्या दूसरों की आस्था, आस्था नहीं है। उन्होंने दावा किया कि अधिकतर हिन्दू मंदिर बौद्ध मठों को तोड़ कर बनाए गए हैं। यहाँ तक कि बद्रीनाथ मंदिर को लेकर भी ऐसा ही दावा कर दिया। उन्होंने ट्वीट भी किया है कि उत्तराखंड का बद्रीनाथ मंदिर पहले बौद्ध मठ हुआ करते था, लेकिन हिन्दुओं ने इसे तोड़ कर मंदिर बना लिया।

उन्होंने ट्वीट किया, “आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है।”

इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब भाई-भाई है। उन्होंने दावा किया कि इसीलिए आज़ादी वाले दिन इसलिए 15 अगस्त, 1947 की यथास्थिति को भी बहाल रखा जाए, तभी जाकर अमन चैन बना रहेगा। उन्होंने पूछा कि ASI इन सबकी जाँच क्यों नहीं कर सकता है? साथ ही सवाल दागा कि अगर मस्जिद से पहले वहाँ मंदिर था तो मंदिर से पहले वहाँ क्या था? उन्होंने पूछा कि ASI इन सबकी जाँच क्यों नहीं कर सकता है? साथ ही सवाल दागा कि अगर मस्जिद से पहले वहाँ मंदिर था तो मंदिर से पहले वहाँ क्या था?

उन्होंने कहा कि एएसआई को इसकी भी जाँच करनी चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्या ने दावा किया कि शंकराचार्य ने बौद्ध मठ को मंदिर बना दिया था। इससे पहले मई 2023 में उन्होंने दावा किया था कि ‘साधु के वेश में आतंकी’ जब उनकी हत्या की बात कर रहे थे, तब योगी सरकार कानून व्यवस्था की दुहाई देते हुए शांत बैठी हुई थी। उन्होंने दावा किया था कि हिंदू समाज के किसी भी नारी को आप लोगों ने पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -