राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की राष्ट्रपति प्रत्याशी और भाजपा नेता द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने टिप्पणी की है। इस टिप्पणी पर बवाल हो गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग उनकी माँ राबड़ी देवी की याद दिला रहे हैं, जब उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
तेजस्वी ने कहा, “राष्ट्रपति भवन में हमें कोई मूर्ति तो नहीं चाहिए। हम राष्ट्रपति का चुनाव कर रहे हैं। आपने यशवंत सिन्हा को हमेशा सुना होगा, लेकिन सत्ता पक्ष की राष्ट्रपति की उम्मीदवार को हमने कभी नहीं सुना है। वे जब से उम्मीदवार बनी हैं उन्होंने एक भी प्रेस वार्ता नहीं की है।”
तेजस्वी यादव की इस टिप्पणी को भाजपा (BJP) ने महिला विरोधी बताया है। बीजेपी नेता शाहजाद पूनावाला ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने बयान के लिए माफी माँगनी चाहिए। पूनावाला ने ट्वीट किया, “पुडुचेरी कॉन्ग्रेस ने उन्हें ‘डमी’ कहा और अब आरजेडी उन्हें ‘मूर्ति’ बता रही है। तेजस्वी यादव का बयान आदिवासी विरोधी मानसिकता को दिखाता है।”
राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री की घटना की याद दिलाते हुए बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, “अब तेजस्वी यादव को अपना बचपन याद आ गया होगा कि किस तरह बिहार के तथाकथित समाजवाद नेता ने एक घरेलू महिला को अपना मुख्यमंत्री मानकर उसकी गुलामी का काम किया। इसलिए वह देश की सभी महिलाओं को वही महिला मुख्यमंत्री के रूप में ही पहचान कर पाते हैं।”
तेजस्वी यादव के द्रौपदी मुर्मू को ‘मूर्ति’ बताने वाले बयान पर BJP अध्यक्ष ने राबड़ी देवी पर तंज कसा. pic.twitter.com/g1qVypci8a
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 17, 2022
तेजस्वी यादव के बयान की सोशल मीडिया पर भी खूब आलोचना हो रही है। लोग उन्हें 1990 का दशक याद दिला रहे हैं, जब लालू यादव ने अपने पार्टी के दिग्गज नेताओं को दरकिनार को पत्नी राबड़ी देवी को अचानक ही बिहार का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था और पार्टी ने नेताओं ने चुपचाप इसे स्वीकार कर लिया था।
प्रशांत भारती नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “द्रौपदी जी को तो हमने नहीं सुना। वैसे हमें तेजस्वी जैसे लोग चाहिए। आपने तो सुना ही होगा। जिसने नहीं सुना वो जाकर राबड़ी देवी के भाषण को सुनें, मंच पर भी पढ़ाने के लिए एक ट्यूटर सामने रहते थे।”
द्रौपदी जी को तो हमने नहीं सुना।
— प्रशांत भारती 🇮🇳 🥰⤵️ (@Bhart09) July 17, 2022
वैसे हमें तेजस्वी जैसे लोग चाहिए। आपने तो सुना ही होगा।
जिसने नहीं सुना वो जाकर राबड़ी देवी के भाषण को सुनें, मंच पर भी पढ़ाने के लिए एक ट्यूटर सामने रहते थे। 😌 pic.twitter.com/1hEln1Udpn
वीरेंद्र पाल नाम के एक यूजर ने लिखा, “द्रौपदी मुर्मू मूर्ति हैं तेजस्वी यादव। राबड़ी देवी क्या थीं? राबड़ी देवी को कोई राजनीतिक अनुभव था क्या? राबड़ी देवी को कोई शिक्षा प्राप्त थी क्या? राबड़ी देवी को कोई प्रशासनिक अनुभव था क्या? तेजस्वी खुद 6 मिनट के भाषण में 4 बार अटकते हैं। लिखे हुए को पढ़ नहीं पाते हैं।”
द्रोपति मुर्मू मूर्ति हैं तेजस्वी यादव।
— virendra pal (@virendrpal) July 17, 2022
राबड़ी देवी क्या थी
राबड़ी देवी को कोई राजनीतिक अनुभव था क्या
राबड़ी देवी को कोई शिक्षा प्राप्त थी क्या
राबड़ी देवी को कोई प्रशासनिक अनुभव था क्या
तेजस्वी खुद 6 मिनट के भाषण में 4 बार अटकते हैं लिखे हुए को पढ़ नहीं पाते हैं
भाजपा नेता अतुल कुमार लिखते हैं, “बिहार के 9वीं पास तेजस्वी यादव ने कहा कि की माननीय द्रौपदी मुर्मू जी को आज तक बोलते नही सुना! राष्ट्रपति भवन में मूर्ति को बैठाया जा रहा है! महिलाओं का सम्मान करना सीखो और अपनी माँ राबड़ी देवी को भी याद करो! शर्म करो और थोड़ा भाषण भी सुन लो वो भी अंग्रेजी में!”
बिहार के 9वी पास @yadavtejashwi ने कहा कि की माननीय द्रौपदी मुर्मू जी को आज तक बोलते नही सुना!राष्ट्रपति भवन में मूर्ति को बैठाया जा रहा है!
— Atul kumar (@AtulKumarBJP) July 17, 2022
महिलाओं का सम्मान करना सीखो और अपनी माँ राबड़ी देवी को भी याद करो!
शर्म करो और थोड़ा भाषण भी सुन लो वो भी अंग्रेजी में!@sanjayjaiswalMP pic.twitter.com/q8KCPbQfGb
रवि रंजन गिरि नाम के एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “सही बोले हैं तेजस्वी, अगर किसी महिला को ही राष्ट्रपति बनाना मजबूरी था तो देश की तेजतर्रार और जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) राबड़ी देवी में क्या कमी थी।”
सही बोले हैं तेजस्वी, अगर किसी महिला को ही राष्ट्रपति बनाना मजबूरी था तो देश की तेज तर्रार जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) राबड़ी देवी में क्या कमी थी 🤔#RJD#BJP #राष्ट्रपति_चुनाव_2022 pic.twitter.com/QYrAO5Acaf
— Ravi Ranjan Giri (TPP) (@RaviRanjanGiri4) July 17, 2022