Sunday, November 17, 2024
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एक पूर्व CRPF जवान, एक के बेटे को इस्लामी कट्टरपंथियों ने मार डाला… कॉन्ग्रेस के 2 मंत्रियों को हराया, छत्तीसगढ़ की 2 सीटें जहाँ ‘आम आदमी’ ने खिलाया कमल

ईश्वर साहू बेमेतरा जिले के गाँव बिरनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 22 वर्षीय युवक भुवनेश्वर साहू के पिता हैं।

छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव की मतगणना अपने अंतिम चरण में आ चुकी है। अब तक के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। यहाँ की कुल 90 सीटों पर हुए मतदान में भाजपा 54 और कॉन्ग्रेस 35 पर या तो आगे चल रही है या जीत दर्ज कर चुकी है। इस दौरान साजा विधानसभा से भाजपा के ईश्वर साहू और सीतापुर विधानसभा से राजकुमार टोप्पो की जीत खासतौर पर चर्चा में रही।

सजा विधानसभा से जीते ईश्वर साहू, बेटे की हो गई थी हत्या

छत्तीसगढ़ के साजा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया था। ईश्वर साहू बेमेतरा जिले के गाँव बिरनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 22 वर्षीय युवक भुवनेश्वर साहू के पिता हैं। ईश्वर साहू का इस सीट पर मुकाबला कॉन्ग्रेस के रविंद्र चौबे से था। रवींद्र चौबे 6 बार से लगातार विधायक और भूपेश बघेल की निवर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। 8 वें राउंड की समाप्ति के बाद ईश्वर साहू कॉन्ग्रेस के रविंद्र चौबे से 4566 वोटों से आगे चल रहे थे।

9वें राउंड की गिनती के दौरान थोड़े समय के लिए EVM मशीन में कुछ खराबी आई थी। हालाँकि बाद में हुई मतगणना के बाद ईश्वर साहू ने रवींद्र चौबे के खिलाफ लगभग 19 हजार वोटों की निर्णायक बढ़त बना ली है।

गौरतलब है कि बताते चलें कि 8 अप्रैल 2023 को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में आने वाले गाँव बिरनपुर में अलग-अलग समुदाय के 2 स्कूली बच्चों की साइकिल टकरा गई थी। इस मामूली विवाद में मुस्लिम भीड़ ने हिन्दू छात्र के परिजनों और समर्थकों पर तलवार से हमला किया था। हमले का आरोप अब्दुल, अकबर, इस्माइल समेत 11 आरोपितों पर लगा था। इस भीड़ द्वारा हुए हमले की चपेट में आ कर भुनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। विवाद में 3 पुलिसकर्मियों सहित लगभग 1 दर्जन लोग घायल हुए थे।

सीतापुर: CRPF के पूर्व जवान ने कॉन्ग्रेसी मंत्री को हराया

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सरगुजा जिले की सीतापुर विधानसभा सीट से कॉन्ग्रेस के अमरजीत भगत को हराने वाले भाजपा के रामकुमार टोप्पो भी खासी चर्चा में हैं। 36 वर्षीय टोप्पो CRPF की QAT (क्विक एक्शन टीम) में हेडकॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे रामकुमार टोप्पो को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुलिस मेडल फॉर गेलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा था। रामकुमार टोप्पो ने नौकरी से इस्तीफा दे कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

आखिरकार टोप्पो के कॉन्ग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत को 16,954 वोटों से हरा दिया। इस बार हार गए अमरजीत भगत भी लगातार 4 बार के विधायक रह चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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