Sunday, November 17, 2024
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‘CM योगी ने ‘सिंध वापसी’ का किया शंखनाद, कहा- 500 वर्ष बाद जब राम जन्मभूमि वापस ले ली तो यह भी मुश्किल नहीं

"हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज के साथ राष्ट्र को भी मजबूत करें, ताकि 1947 जैसी त्रासदियाँ फिर से कभी न आने पाए। हमारी प्राथमिकता में राष्ट्र की एकता और अखंडता होनी चाहिए। हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने वाले को कतई नहीं छोड़ना है।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब सिंध को भारत में शामिल कराने को लेकर बड़ा बयान दिया है। अब तक सिंध को भारत में वापस शामिल करने की बातें ही होती रही थी, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे योगी आदित्यनाथ ने ऐसा बयान दिया है, जो बताता है कि भारत सरकार न सिर्फ सिंध प्रांत को लेकर गंभीर है, बल्कि अब उस पर व्यापक चर्चा भी चाहती है। इसी कड़ी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर हम 500 वर्षों में भगवान राम के जन्मस्थान को पा सकते हैं, तो कोई कारण नहीं कि हम सिंध को न वापस न लें पाएँ।

समाज के साथ राष्ट्र को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता

लखनऊ में सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया (यूथ विंग) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन में योगी आदित्यनाथ ने कई महत्वपूर्ण बाते कहीं। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज के साथ राष्ट्र को भी मजबूत करें, ताकि 1947 जैसी त्रासदियाँ फिर से कभी न आने पाए। हमारी प्राथमिकता में राष्ट्र की एकता और अखंडता होनी चाहिए। हमारे राष्ट्र की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने वाले को कतई नहीं छोड़ना है।”

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “देश है तो धर्म है, धर्म है तो समाज है और समाज है, तो हम सभी का अस्तित्व है। हमारी प्राथमिकता इसी अनुरूप होनी चाहिए। अगर राम जन्मभूमि के लिए कुछ किया जा सकता है, पाँच सौ वर्षों के बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो कोई कारण नहीं कि हम सिंधु (सिंध प्रांत, जो अब पाकिस्तान में है) वापस न ले पाएँ। इस बात को सिंधी समाज को अपने वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है।”

सिंधी समाज भारत के सनातन धर्म का अभिन्न हिस्सा

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “देश के बँटवारे की वजह से लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ। भारत का एक बड़ा भू-भाग पाकिस्तान के रूप में चला गया। सिंधी समाज ने उस दर्द को सबसे ज्यादा सहा है, उन्हें अपने मातृभूमि को छोड़ना पड़ा। आज भी आतंकवाद के रूप में हमें विभाजन की त्रासदी के दंश को झेलना पड़ता है। कोई भी सभ्य समाज आतंकवाद, उग्रवाद या किसी भी प्रकार की अराजकता को कभी मान्यता नहीं दे सकता।”

सीएम योगी ने कहा, “सिंधी समाज भारत के सनातन धर्म का अभिन्न हिस्सा है। सिंधी समाज ने सम-विषम परिस्थतियों में अपने पुरुषार्थ से खुद को आगे बढ़ाया है। शून्य से शिखर तक यात्रा कैसे होती है, भारत के अंदर सिंधी समाज इसका बड़ा उदाहरण हैं।”

मानवता के लिए दुर्जनों का विनाश जरूरी

योगी आदित्यनाथ ने मंच से कहा, “अगर मानवता के कल्याण के मार्ग पर हमें आगे बढ़ना है, तो समाज की दुष्प्रवृत्तियों को समाप्त करना होगा। हमारे धर्मग्रंथ भी हमें यही प्रेरणा देते हैं। पूज्य झूलेलाल जी हों या भगवान श्रीकृष्ण, सबने मानव कल्याण के लिए सज्जन के संरक्षण और दुर्जन को समाप्त करने की बात कही है। देश का सौभाग्य है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद भारत के अंदर अपने अंतिम साँसें गिन रहा है। 1947 में बँटवारे जैसी त्रासदी फिर कभी ना आने पाए, इसके लिए हमें राष्ट्र प्रथम का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्र की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले को मुँहतोड़ जवाब देने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए।”

शेर-ए-सिंध से सम्मानित किए गए पद्म भूषण पंकज आडवाणी

दुनिया में विलियर्ड्स एवं स्नूकर के सबसे बड़े खिलाड़ी पंकाज आडवाणी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंधी समाज के ‘शेर-ए-सिंध‘ सम्मान से सम्मानित किया। इस दौरान इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, लखानी समूह के अध्यक्ष एसएन लखानी, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीराम छबलानी, टेक महिंद्रा के भारत के प्रमुख राजेश चंद्र रमानी और वीआईपी की को-फाउंडर सोनाक्षी लखानी को भी मंच द्वारा सम्मानित किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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