पश्चिम बंगाल मे विधानसभा चुनावों से पहले TMC नेताओं की खबरें लगातार मीडिया में आ रही हैं। इस बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व TMC सांसद केडी सिंह को गिरफ्तार किया है। TMC नेता को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, TMC के पूर्व सांसद अप्रैल, 2014 में तृणमूल कॉन्ग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए थे। कहा जा रहा है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने लेन-देन की जानकारी नहीं दी, इसी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के अनुसार, TMC नेता केडी सिंह की एक कंपनी है- अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियलटी लिमिटेड। इस पर ईडी ने 2016 में केस दर्ज किया था। ये मामला PMLA, 2002 के तहत दर्ज किया गया था। कंपनी पर करीब 1900 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगा था। वहीं SEBI की ओर से भी इस कंपनी के डायरेक्टर और शेयर होल्डर्स पर केस दर्ज किया जा चुका है।
बता दें कि ममता सरकार में मंत्री रह चुके केडी सिंह की इससे पूर्व 239 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी। उस दौरान उनके रिजॉर्ट, शोरूम और बैंक खाते तक सीज हुए थे। सितंबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने नई दिल्ली और चंडीगढ़ में केडी सिंह से जुड़े जगहों की तलाशी ली थी। तब केडी सिंह के अल्केमिस्ट ग्रुप की 14 कंपनियों के संबंध में तलाशी की गई थी।
इस तलाशी अभियान के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए थे। वहीं दिल्ली में केडी सिंह के आधिकारिक आवास से सर्च ऑपरेशन के दौरान 10000 डॉलर की विदेशी मुद्रा के साथ 32 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई थी।
‘तहलका’ मैग्जीन से जुड़े हैं केडी सिंह के तार
गौरतलब है कि केडी सिंह पर बहुत पहले से गैर-कानूनी तरीके से निवेशकों से पूंजी जुटाने के आरोप लगते रहे हैं। दूसरी ओर उन्होंने ‘तहलका’ मैग्जीन में भी निवेश किया हुआ था, जिसके संपादक तरुण तेजपाल पर साल 2013 में यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। उस समय भी केडी सिंह विवाद का हिस्सा इसीलिए बने थे क्योंकि प्रबंधन तेजपाल को बचाने में जुटा हुआ था।
बता दें कि साल 2013 में तरुण तेजपाल पर एक लड़की के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। पीड़िता का कहना था कि तेजपाल ने उनके साथ दो बार जबरदस्ती की और मुँह खोलने पर बुरे परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। बाद में गोवा पुलिस में शिकायत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और तेजपाल पर केस दर्ज हुआ था।
उन्हीं दिनों केडी सिंह की तहलका की प्रकाशक अनंत मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में मेजर शेयर होल्डिंग उजागर हुई थी और वह चर्चा में आए थे। हालाँकि कुछ मीडिया खबरों में कहा गया था कि केडी सिंह ने अपनी छवि चमकाने के लिए अपनी कंपनियों का निवेश तहलका में कराया।