गोवा विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से भाजपा सबसे आगे चल रही है। लेकिन राज्य में दम भरने वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस वहाँ बुरी तरह से हार रही है। वहीं टीएमसी ने एक बार फिर से प्रशांत किशोर के साथ चुनावी सलाहकार के तौर पर अपना कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखने का फैसला किया है। हालाँकि, इसके साथ ही पीके को राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में पार्टी के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी ने किशोर से कहा है कि वह अपनी टीम I-PAC की सिफारिशों को सीधे सीएम ममता बनर्जी को भेजें। दरअसल, किशोर की टीम ने ममता बनर्जी की इजाजत के बिना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया था। इसमें सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के कई समर्थक भी शामिल थे। इसके बाद से ममता सरकार काफी परेशान थीं।
टीएमसी के एक सीनियर लीडर का कहना है, “वह I-PAC के इस कार्य से परेशान थीं और इसी के कारण उन्होंने किशोर के साथ पहले अपने कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ने पर विचार किया था। हालाँकि, बाद में वो रुक गईं, क्योंकि ये प्रशांत किशोर ही थे, जिनकी वजह से पिछले साल के विधानसभा चुनावों में पार्टी मतदाताओं, विशेष रूप से महिलाओं को प्रभावित कर पाई थी।”
टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि किशोर को पार्टी के फेरबदल में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया गया था। गौरतलब है कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने 2019 में प्रशांत किशोर को नियुक्त किया था।
उल्लेखनीय है कि गोवा में टीएमसी ने बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश की थी, लेकिन एक बार फिर से बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।