Monday, December 23, 2024
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अनुच्छेद-370 हटने का कमाल: अब बिना परमिट लद्दाख में कहीं भी जाइए, तिरंगे से रोशन हुआ लाल चौक का घंटाघर

"वो कहते थे कि लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराने देंगे, पीएम मोदी ने लाल चौक ही तिरंगा कर दिया।"

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने और लद्दाख के रूप में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के गठन के साथ ही लोगों को बदलाव दिखने शुरू हो गए थे। अब इस फैसले के 2 साल पूरे होने पर ये बदलाव स्पष्ट रूप से नज़र आ रहा है। राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर स्थित घंटाघर तिरंगे के रंग से जगमगा रहा है। वहीं लद्दाख में यात्रा के लिए पर्यटकों को अब ILP (इनर लाइन परमिट) लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।

लद्दाख: अब बिना परमिट बेधड़क कीजिए पर्यटन

अब लद्दाख के किसी भी क्षेत्र में पर्यटन के लिए भारतीय नागरिकों को किसी प्रकार का कोई परमिट लेने की आवश्यकता नहीं है। ‘प्रोटेक्टेड क्षेत्रों’ में भी आप घूम सकते हैं। इससे पहले लद्दाख के आंतरिक हिस्सों में जाने के लिए ILP लेना अनिवार्य था। बिना परमिट के भारतीय नागरिक सिर्फ पनामिक से आगे वर्षी तक जा सकते थे। इसमें लेह की नुब्रा घाटी में स्थित यर्मा गोम्पा/गोंबो मठ भी शामिल है।

साथ ही लद्दाख के एक ‘प्रोटेक्टेड क्षेत्र’ के लोग अब बिना किसी परमिट के किसी दूसरे ‘प्रोटेक्टेड क्षेत्र’ में जा सकते हैं। लद्दाख के उप-राज्यपाल दफ्तर ने ये आदेश जारी किया है। इसके तहत ‘प्रोटेक्टेड एरियाज’ के नागरिकों को पहचान का दस्तावेज मिलेगा और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वो ऐसे तहसील और जिलों के बारे में विवरण जारी करें, जिन्हें ‘प्रोटेक्टेड’ की श्रेणी में रखा गया है।

साथ ही उप-राज्यपाल आरके माथुर ने लद्दाख पुलिस के ‘टूरिस्ट विंग’ का भी गठन किया। पुलिस की ये शाखा पर्यटकों से जुड़ी समस्याओं को देखेगी और साथ ही पर्यटकों के लिए एक उचित माहौल तैयार करने के लिए काम करेगी। पर्यटकों को कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है या वो कहीं फँस जाते हैं तो लद्दाख पुलिस की ‘टूरिस्ट विंग’ तकनीक की सहायता से उनकी मदद करेगी। उन्हें पर्यटकों और पर्यटन एजेंसियों से कम्युनिकेशन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जम्मू कश्मीर: तिरंगे से रोशन हुआ श्रीनगर के लाल चौक का घंटाघर

उधर जम्मू कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के लिए भी खास तैयारियाँ की जा रही हैं। श्रीनगर का घंटाघर चौक तिरंगे से रोशन हो गया है और रात को इसकी शोभा देखते ही बन रही है। ये वही जगह है, जहाँ 1992 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और तब ‘एकता यात्रा’ के संयोजक रहे नरेंद्र मोदी ने आतंकियों की धमकी के बावजूद तिरंगा झंडा फहराया था। श्रीनगर नगर निगम ने चौक की साफ़-सफाई की है।’

साथ ही घंटाघर में नई घड़ियाँ भी लगा दी गई हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इस पर ख़ुशी जताते हुए लिखा कि वो कहते थे लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराने देंगे, पीएम मोदी ने लाल चौक ही तिरंगा कर दिया। वहीं फ़िल्मकार अशोक पंडित ने लिखा कि आज़ादी के बाद जम्मू कश्मीर में ऐसा पहली बार हो रहा है। लोगों ने अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाएं को इसका श्रेय दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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