पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ा। उनके बयानों से ऐसा जान पड़ रहा है कि उनके भीतर पीड़िताओं का दर्द समझने के लिए संवेदनशीलता भी नहीं बची।
हाल में 24 परगना जिला परिषद के अध्यक्ष और अशोकनगर के टीएमसी विधायत नारायण गोस्वामी ने अपने एक इंटरव्यू के वक्त पीड़ित महिलाओं पर आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने आरोप लगाने वाली महिलाओं का मखौल उड़ाते हुए उनके रंग-रूप पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद अब भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने उन्हें करारा जवाब दिया।
तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक नारायण गोस्वामी ने कहा था- “संदेशखाली की जनजातीय महिलाओं को उनके डील-डौल, रंग-रूप से पहचाना जा सकता है। लेकिन जो महिलाएँ कैमरे पर आकर आरोप लगा रही हैं वो गोरी हैं। क्या फिर भी हम उन्हें स्थानीय जनजातीय महिला कहेंगे।”
हिंदुस्तान टाइम्स बांग्ला के अनुसार, उन्होंने ये भी कहा कि वह इस बिंदु पर जाँच कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर मामला पुलिस को दिया जाएगा। कुछ जानकारी पहले सामने आ गई हैं। जिन महिलाओं ने कैमरे पर आरोप लगाए वो संभवत: सीपीएम की महिला समिति की सदस्य हैं। इनमें कोई आशा कार्यकर्ता है, कोई आईसीडीएस कर्मी। उन्हें सामने लाकर नाटक हो रहा है। जो वीडियो आप लोग देख रहे हैं वो स्क्रिप्टेड है।
Utterly shameful and disgraceful!
— Locket Chatterjee (@me_locket) February 14, 2024
TMC MLA Narayan Goswami's crude remarks attacking the women of Sandeshkhali, clearly expresses his filthy mentality.
Belittling the tribal community and women based on their physical structure and skin color is a clear sign of the demented and… pic.twitter.com/tJmxVxdKNv
नारायण गोस्वामी के इस बयान के बाद भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस टिप्पणी को बेहद शर्मनाक बताया है। चटर्जी ने कहा-
“टीएमसी विधायक नारायण गोस्वामी द्वारा संदेशखाली की महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी स्पष्ट रूप से उनकी गंदी मानसिकता को व्यक्त करती है। जनजातीय समुदाय और महिलाओं को उनकी शारीरिक संरचना और त्वचा के रंग के आधार पर कमतर आंकना पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस की विकृत और नस्लवादी राजनीति का स्पष्ट संकेत है। नील-शदा (काली-गोरी) बहिनी का नस्लवाद कब रुकेगा?”
बता दें कि एक ओर संदेशखाली की महिलाओं के बयान आने के बाद जहाँ टीएमसी नेता ऐसे असंवेदनशील बयान देखते दिख रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार उनके साथ अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं। प्रदेश में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने 30 अन्य विधायकों के साथ इस मामले में प्रदर्शन किया। वहीं भाजप नेता सुकंता मजूमदार भी पीड़िताओं से मिलने के लिए जब जा रहे थे तो पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें रोका गया। इसके बाद झड़प की खबर सामने आई और बाद में पता चला कि सुकंता मजूमदार अस्पताल में भर्ती हैं।