Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिसावरकर को न मानने वाले को चौक पर पीटा जाना चाहिए: उद्धव ठाकरे

सावरकर को न मानने वाले को चौक पर पीटा जाना चाहिए: उद्धव ठाकरे

2004 में जब तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणि शंकर अय्यर ने सावरकर का अपमान किया था, और कॉन्ग्रेस ने सावरकर के कथनों वाली पट्टिका अंडमान की सेल्युलर जेल से हटाई थी, तो तत्कालीन शिव सेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने इसके विरोध में 'जूते मारो अभियान' शुरू किया था।

दिल्ली विश्वविद्यालय में सावरकर की मूर्ति पर कालिख पोतने के विवाद में अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी कूद पड़े हैं। इस बाबत सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, “वीर सावरकर को जो मानता नहीं है, उसे चौक में पीटा जाना चाहिए। सावरकर का अपमान राहुल गाँधी ने भी किया था, ऐसे औलादों को स्वतंत्रता की अहमियत समझ में नहीं आएगी।”

NSUI ने पहनाई थी जूतों की माला, पोती कालिख

दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस में स्थापित सावरकर की प्रतिमा पर NSUI ने कालिख पोत दी थी, और जूतों की माला पहनाई थी। आरोप लगा था कि आर्ट्स फैकल्टी के गेट पर इन मूर्तियों को सोमवार (19 अगस्त) की देर रात को DUSU (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र यूनियन) के अध्यक्ष शक्ति सिंह और ABVP ने लगाया था, और इसके लिए अनुमति नहीं ली गई।

वहीं DUSU अध्यक्ष शक्ति सिंह का कहना है कि मूर्ति लगाने के लिए कई बार DU प्रशासन से उन्होंने अनुमति माँगी, लेकिन उनकी माँग पर हर एक बार कोई ध्यान नहीं दिया गया। सावरकर के साथ-साथ भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी लगाई गई थी।

2004 में बाला साहेब ने शुरू किया था ‘जूते मारो अभियान’

धुर-दक्षिणपंथी शिव सेना शुरू से वीर सावरकर के सम्मान को लेकर संवेदनशील रही है। 2004 में जब तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणि शंकर अय्यर ने स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया था, और कॉन्ग्रेस ने सावरकर के कथनों वाली पट्टिका अंदमान की सेल्युलर जेल से हटाई थी, तो तत्कालीन शिव सेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने इसके विरोध में ‘जूते मारो अभियान’ शुरू किया था। इसमें शिव सैनिकों ने अपने-अपने पैरों के जूते-चप्पल निकाल कर मणि शंकर अय्यर के पुतले को जूते मारे थे। उस समय अय्यर की आलोचना करते हुए बाला साहेब ने कहा था कि अय्यर को सावरकर का योगदान मालूम ही नहीं है- न केवल सावरकर ने मदनलाल ढींगरा (जिन्होंने इंग्लैण्ड में रहते हुए सर विलियम हट नामक अँगरेज़ अफ़सर को मौत के घाट उतार दिया था) का मार्गदर्शन किया था, बल्कि नेताजी बोस और डॉ. अंबेडकर ने भी विभिन्न अवसरों पर उनकी सलाह माँगी थी।

इस ऐतिहासिक कनेक्शन को रेखांकित करते हुए एक ट्विटर यूज़र ने पोस्ट भी किया है:

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -