तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान पर माफी माँगने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को “समाप्त” करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि उनके बयान का उद्देश्य महिलाओं के प्रति कथित दमनकारी प्रथाओं पर सवाल उठाना था। डीएमके नेता का कहना है कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया, जिससे सितंबर 2023 में विवाद खड़ा हुआ था।
सोमवार (21 अक्टूबर 2024) को एक कार्यक्रम में बोलते हुए उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने पेरियार, पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई और एम. करुणानिधि जैसे द्रविड़ नेताओं के विचारों को दोहराया है। उन्होंने कहा, “महिलाओं को पढ़ने की अनुमति नहीं थी। उन्हें घर से बाहर जाने की आजादी नहीं थी और अगर उनके पति का निधन हो जाता था, तो उन्हें भी मरना पड़ता था। थंथाई पेरियार ने इन सबके खिलाफ आवाज उठाई थी। मैंने वही कहा जो पेरियार, अन्ना और कलाईनार ने कहा था।”
सितंबर 2023 में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने सनातन धर्म की तुलना “डेंगू” और “मलेरिया” से की और कहा कि इसे सिर्फ विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि “समाप्त” कर देना चाहिए। एक ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ में, उन्होंने तर्क दिया कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उनके इस बयान पर खासकर बीजेपी और हिंदू संगठनों ने तीखा विरोध जताया और उनके खिलाफ कई कानूनी मामले दर्ज किए गए।
उदयनिधि का कहना है, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। न केवल तमिलनाडु में, बल्कि मेरे खिलाफ पूरे भारत में कई अदालतों में मामले दर्ज किए गए। मुझसे माफी माँगने को कहा गया, लेकिन मैं अपने बयान पर कायम हूँ। मैं कलाईनार का पोता हूँ और माफी नहीं माँगूगा।” उन्होंने कहा कि वे सभी कानूनी मामलों का सामना करेंगे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में तमिलनाडु के राज्य गीत में कुछ शब्दों को जानबूझकर हटाया गया है, जिससे विवाद पैदा हुआ है। उदयनिधि ने कहा, “मैं नवविवाहितों से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने बच्चे के लिए एक सुंदर तमिल नाम रखें। क्योंकि कई लोग तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। वे इसे सीधे तौर पर नहीं कर पाए, इसलिए तमिल थाई वाजथु (राज्य गीत) से कुछ शब्द हटा रहे हैं। वे नई शिक्षा नीति के जरिए हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे असफल हो रहे हैं।”
गौरतलब है कि 46 वर्षीय उदयनिधि पहले तमिलनाडु के खेल मंत्री थे, उन्हें 30 सितंबर 2024 को डिप्टी सीएम बनाया गया था। कहा जा रहा है कि सनातन धर्म विवाद के चलते उन्हें डिप्टी सीएम बनाने में देरी की गई, ताकि मामला शांत हो जाए।