Tuesday, July 2, 2024
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काँवड़ के लिए 20 दिन रास्ते बंद हो सकते हैं तो नमाज के लिए 20 मिनट क्यों नहीं: सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर ‘रावण’ ने खाई हमेशा मुस्लिमों का साथ देने की कसम

वीडियो में सांसद चंद्रशेखर यह कहते हुए दिख रहे हैं, "हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं। जो लोग 20 मिनट नमाज पढ़ने पर आपत्ति जता सकते हैं, वह किसी धर्म का सम्मान नहीं कर सकते।" इस दौरान उन्होंने हाथ में जल लेकर मुस्लिमों को भरोसा दिया कि वे हमेशा मुस्लिमों के साथ रहेंगे।

भीम आर्मी के मुखिया एवं यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने कहा मुस्लिमों के सड़कों पर नमाज पढ़ने का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं की काँवड़ यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं पर भी सवाल उठाया है। चंद्रशेखर ने कहा कि अगर हिंदुओं की काँवड़ यात्रा के लिए 20 दिन तक सारे रास्ते बंद किए जा सकते हैं तो 20 मिनट की नमाज के लिए आपत्ति क्यों है।

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा, “जो लोग 20 मिनट नमाज पढ़ने पर आपत्ति जता सकते हैं, वो किसी धर्म के साथ नहीं हो सकते।” उन्होंने कहा कि किसी भी दल के बड़े नेता में यह सवाल करने की हिम्मत नहीं है, जो उन्होंने उठाई है। चंद्रशेखर के इस बयान पर लोग सवाल उठा रहे हैं।

चंद्रशेखर ने 23 जून 2024 को नगीना लोकसभा स्थित नजीबाबाद के चंदनपुर गाँव में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदुओं की काँवड़ यात्रा के लिए 20 दिन तक सारे रास्ते बंद किए जाते हैं। अस्पताल भी बंद किए जाते हैं। उस पर किसी को दिक्कत नहीं होती। ऐसे में 20 मिनट की नमाज पर आपत्ति क्यों है?”

इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में सांसद चंद्रशेखर यह कहते हुए दिख रहे हैं, “हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं। जो लोग 20 मिनट नमाज पढ़ने पर आपत्ति जता सकते हैं, वह किसी धर्म का सम्मान नहीं कर सकते।” इस दौरान उन्होंने हाथ में जल लेकर मुस्लिमों को भरोसा दिया कि वे हमेशा मुस्लिमों के साथ रहेंगे।

बता दें कि बकरीद से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक की थी और इसमें अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सड़कों पर नमाज पढ़ने की नई परंपरा ना शुरू की जाए। नमाज मस्जिद या किसी अधिकृत जगह पर ही पढ़ी जाए। इसके साथ ही बकरीद के दिन सार्वजनिक जगहों पर और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी नहीं देने की अपील की थी।

सीएम योगी की इस अपील का पूरे प्रदेश में सख्ती से पालन हुआ था। खुद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आगे बढ़कर लोगों से इन निर्देशों का पालन करने के लिए कहा था। इसका परिणाम यह हुआ था कि इस बार किसी तरह की झड़प आदि खबरें सुनने को नहीं मिलीं। ये निर्देश बकरीद के बाद आने वाले हिंदू त्योहारों को ध्यान में रखकर दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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