मुंबई कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा के रविवार (जुलाई 7, 2019) को इस्तीफा देने के बाद से मुंबई कॉन्ग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है। मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे के बाद सोमवार (जुलाई 8, 2019) को मुंबई के पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने ट्विटर के जरिए उन पर निशाना साधा तो वहीं, अभिनत्री से राजनेता बनी उर्मिला मातोंडकर ने लोकसभा चुनाव में अपनी हार का ठीकरा स्थानीय नेताओं पर फोड़ा है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, उत्तर-मुंबई से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी रहीं उर्मिला मातोंडकर ने पत्र लिखकर पार्टी कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने 16 मई को 9 पेजों का एक पत्र मुंबई के तत्कालीन कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को लिखा था। जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ न देने, कमजोर प्लानिंग, प्रचार तंत्र की नाकामी के साथ चुनाव प्रचार के लिए नियुक्त चीफ कॉर्डिनेटर सन्देश कोंडविलकर, दूसरे पदाधिकारी भूषण पाटिल को जिम्मेदार ठहराया है। ये दोनों नेता पूर्व मुंबई कॉन्ग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम के नजदीकी हैं।
#Mumbai: Congress leader Urmila Matondkar on May 16 wrote to party leader Milind Deora stating ” issues like failure of party leadership at local level and infighting created hurdles and obstacles in my entire political campaign.” (file pic) pic.twitter.com/U7m9XYdEEA
— ANI (@ANI) July 9, 2019
उर्मिला ने अपने पत्र में इन दोनों नेताओ का नाम लेते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर इन दो नेताओं ने लोगों तक पहुँचने में कोताही बरती है। उर्मिला का कहना है कि कोंडविलकर जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को जुटाने में असफल रहे। वहीं, भूषण पाटिल जैसे अन्य प्रमुख पदाधिकारी ब्लॉक स्तर और वार्ड स्तर पर पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक, प्रचारसभा, पदयात्रा आयोजित करने में विफल रहे, जिसकी वजह से जनता पार्टी के एजेंडे को समझ नहीं पाई और उनके साथ जुड़ नहीं पाई। इसके साथ ही उर्मिला ने कोंडविलकर और पाटिल पर राजनीतिक परिपक्वता, अनुशासन की कमी और बेवजह विवाद पैदा करने का भी आरोप लगाया।
उर्मिला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत की, लेकिन कॉन्ग्रेस संगठन की तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। उर्मिला ने शिकायती पत्र में लिखा कि केंद्रीय कार्यालय में पर्याप्त जगह नहीं थी। निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के कार्यालय नहीं बनाए गए। प्रचार सामग्री का वितरण उचित तरीके से नहीं किया गया, जिसके कारण मतदाताओं तक उनकी बात सही ढंग से नहीं पहुँची।
उर्मिला ने कोंडविलकर पर उनके परिवारवालों को बुलाने और चुनाव अभियान के लिए पैसे माँगने का भी आरोप लगाया। साथ ही कोंडविलकर ने कॉन्ग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से बात करने के बारे में भी उनके परिवारवालों से पूछा। मातोंडकर ने सन्देश कोंडविलकर, और भूषण पाटिल पर जिला कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अशोक सुत्राले के प्रति अनादर करने का आरोप लगाया और साथ ही उन्होंने पार्टी के बेहतर और उज्जवल भविष्य के लिए दोनों नेताओं के खिलााफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए संगठनात्मक स्तर पर बदलाव की माँग की थी।