कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के बाद से आर्थिक संकट से जूझ रहे कुपोषित परिवारों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ी राहत का ऐलान किया है। राज्य में पोषण की बिगड़ती स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐसे कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने हेतु स्थान हो और जो लोग गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें गाय देने का सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिया है।
दरअसल, योगी सरकार ‘माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत इस कार्य को करने जा रही है। इसके साथ ही गाय के भरण-पोषण हेतु हर महीने 900 रुपए की धन राशि मुहैया कराई जाएगी। राष्ट्रीय पोषण माह को लेकर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिया है।
7 सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह 2020 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले छ: महीनों में कुपोषण को एक प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य बच्चों में कुपोषण का उन्मूलन करना और माताओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुछ सबसे कुपोषित बच्चों के माता-पिता से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी और बाराबंकी जिलों के इस योजना के तहत लाभान्वित होने वाले माता-पिता से बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
कुपोषित परिवारों को मिलेगी गाय: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 5, 2020
गाय की यह व्यवस्था ‘माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत की जाएगी। pic.twitter.com/LdV3vDLsg5
योगी सरकार ने राज्य में पीएम मोदी के पोषण माह की पहल के तहत पोषण अभियान शुरू किया है। पिछले महीने अपने मन की बात संबोधन में, पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि सितंबर का महीना पोषण महीने के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक पोषण बैंक की स्थापना करेगी और हर कक्षा में एक पोषण निगरानी नियुक्त करेगी। छात्रों को पोषण कार्ड भी रिपोर्ट कार्ड की तरह मिलेगा।
सीएम योगी ने पोषण अभियान के संबंध में प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उन्हें समय से पोषण संबंधी सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रक्रिया शुरू होने से पहले बच्चों की ऊँचाई और वजन को मापने के लिए एक दिन का अभियान चलाया जाए। अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया जाएगा। मार्च 2021 में इसका मूल्यांकन किया जाना है। इस योजना के अंतर्गत बच्चों के साथ कुपोषित माँ को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ देने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला स्तर पर कार्यक्रम की साप्ताहिक और मंडलायुक्तों को पाक्षिक समीक्षा करने का निर्देश दिया। समीक्षा की रिपोर्ट विभाग के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की विभागीय और मुख्य सचिव के स्तर पर मासिक समीक्षा हो।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास एस. राधा चौहान ने बताया कि राजकीय शोक के कारण इस साल राष्ट्रीय पोषण माह सात सितंबर से शुरू किया जा रहा है। निदेशक राज्य पोषण मिशन कपिल सिंह ने राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में एक प्रस्तुतीकरण भी किया। बताया कि पोषण माह की टैग लाइन ‘उत्तम पोषण-उत्तर प्रदेश रोशन’ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं तथा कार्यक्रमों को प्रभावित लोगों तक बेहतर ढंग से पहुँचाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय पोषण माह की सफलता के लिए इसे जन-आन्दोलन बनाना पड़ेगा। कुपोषण से होने वाले नुकसान एवं केन्द्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जन-जागरूकता पैदा करनी पड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में सभी सम्बन्धित विभागों यथा स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि, उद्यान आदि को सहयोग करना होगा। पोषण कार्यक्रम के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को भी समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जाए। इन कार्यक्रमों का लाभ बालकों एवं बालिकाओं को बिना भेदभाव के उपलब्ध कराए जाने के संबंध में भी जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। उन्होंने किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया है।