उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन क्षमता को तीन गुना ज्यादा बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को (जून 4, 2021) अपना बयान दिया। सरकार की ओर से जारी सूचना में बताया गया कि योगी आदित्यनाथ ने वैक्सीनेशन कैम्पेन को तेज करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने को कहे हैं।
हाई लेवल कोविड रिव्यू मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कहा, “दैनिक टीकाकरण क्षमता को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। मौजूदा क्षमता को एक महीने के भीतर तीन गुना बढ़ाने की जरूरत है।”
मंगलवार को मिशन जून के शुभारंभ के बाद से अब तक 6,000 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। इस बीच 14.68 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया गया है। केवल शुक्रवार को 3.94 लाख कोरोना वैक्सीन के शॉट दिए गए हैं। वहीं प्रदेश में शुक्रवार को 18-44 वर्ग के 2 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले 5 दिनों के लगभग हर जिले में स्लॉट बुक हैं। सीएम लगातार प्रदेश की जनता से वैक्सीन लगवाने की अपील कर रहे हैं।
MBA वालोंं को अस्पतालों में नौकरी देगी योगी सरकार
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ सरकार कोविड से लड़ाई में वैक्सीनेशन प्रक्रिया को तेज कर रही है। वहीं अस्पताल के मैनेजमेंट और रोजगार के अवसरों को बेहतर करने के लिए एक और सराहनीय फैसला योगी सरकार द्वारा लिया गया है। इस फैसले के साथ ही उन डॉक्टर्स को जिन्हें प्रशासनिक कार्य करने पड़ते थे उन्हें उससे मुक्ति मिलेगी और एमबीए करने वाले छात्रों को अस्पताल प्रबंधन संभालने के लिए वहाँ नौकरी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार काे लखनऊ में टीम-9 के साथ बैठक में कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों से केवल इलाज करवाने का ही काम लिया जाए। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलग-अलग अस्पतालों या कार्यालयों जहाँ भी डॉक्टरों की तैनाती प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्यों में की गई है, उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर दिया जाए।
रोजगार देने में आगे योगी सरकार
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने अपने चार साल के कार्यकाल में प्रदेश में फैली बेरोजगारी को खत्म करने के लिए जमकर मेहनत की है। ये प्रतिबद्धता कोरोना समय में भी कम होती नहीं देखने को मिली। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा सर्वे के आँकड़े इस बात के गवाह हैं। इन आँकडों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 6.9 फीसदी दर्ज की गई है, जो मार्च 2017 के 17.5 प्रतिशत के आँकड़े के मुकाबले काफी कम है।
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु, जैसे देश के तमाम राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश काफी आगे रहा है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने एक बयान में कहा कि योगी सरकार ने पिछले 4 सालों में युवाओं को 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियाँ देने का रिकॉर्ड बनाया है।
अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी कैसे है रोजगार देने में आगे
नवनीत सहगल ने सीएमआईई की मई महीने की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राजस्थान में बेरोजगारी दर का आँकड़ा 27.6% है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति रोजगार के लिहाज से बेहद खराब है। दिल्ली की बेरोजगारी दर 45.6% दर्ज की गई है, पश्चिम बंगाल में ये दर 19.3 %, तमिलनाडु में 28%, पंजाब में 8.8%, झारखण्ड में बेरोजगारी दर 16.0%, छत्तीसगढ़ में 8.3%, केरल में 23.5%, और आंध्र प्रदेश में 13.5% रही है।
अपर मुख्य सचिव का कहना है कि यूपी की इस कामयाबी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की बड़ी भूमिका रही है। मार्च 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सत्ता संभाली, तब प्रदेश में बेरोजगारी दर का आँकड़ा 17.5% था। यानी साफ है कि पहले के मुकाबले बेरोजगारी दर काफी कम है। सहगल कहते हैं कि मिशन रोजगार के तहत विभिन्न विभागों, संस्थाओं एवं निगमों आदि के माध्यम से प्रदेश के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 4 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी से जोड़ने के साथ ही 15 लाख से अधिक लोगों को निजी क्षेत्र में तथा लगभग 1.5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा है।