Thursday, November 14, 2024
Homeराजनीतिभारत में मुस्लिम नेता का प्रधानमंत्री बनना बहुत मुश्किल, कुछ दशकों तक यह संभव...

भारत में मुस्लिम नेता का प्रधानमंत्री बनना बहुत मुश्किल, कुछ दशकों तक यह संभव नहीं: कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

इसी से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हाँ मैं भाजपा में शामिल होऊँगा अगर कश्मीर की वादियों में काले बर्फ गिरेंगे। यानी स्पष्ट रूप उन्होंने भाजपा में शामिल होने से इनकार कर दिया।

भारत के मुसलमानों को लेकर वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने बड़ा बयान दिया है। आजाद का कहना है कि किसी युवा मुस्लिम नेता के लिए देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा, “निकट भविष्य में मैं ऐसा होते हुए नहीं देख रहा हूँ।”

हिंदुस्तान टाइम्स अखबार को दिए एक इंटरव्यू में आजाद ने कहा, “मैं निकट भविष्य में इसका अनुमान नहीं लगाता, शायद कुछ दशक बाद।” बता दें, हाल ही राज्यसभा से रिटायर होने वाले कॉन्ग्रेस नेता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भावुक होने वाला भाषण और उनके लिए किए गए तारीफों के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह अब जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे।

हालाँकि, इसी से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हाँ मैं भाजपा में शामिल होऊँगा अगर कश्मीर की वादियों में काले बर्फ गिरेंगे। यानी स्पष्ट रूप उन्होंने भाजपा में शामिल होने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि राज्यसभा से उनकी विदाई के वक्त कई नेताओं ने उनको पीएम के रूप में देखने की बात कही थी, लेकिन आजाद ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक मुस्लिम नेता के लिए पीएम बनना काफी मुश्किल है।

इसके अलावा कॉन्ग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ने राज्‍यसभा में अपने विदाई भाषण में यह भी कहा था, “अगर दुनिया में किसी भी मुस्लिम को गर्व महसूस करना चाहिए, तो यह भारतीय मुस्लिम होना चाहिए।”

खुद के भारतीय मुस्लिम होने पर फक्र करते हुए आजाद ने कहा था कि वह एक ऐसा सौभाग्यशाली भारतीय मुस्लिम हैं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर दुनिया में मुस्लिमों को अपने देश पर गर्व करने की बात आएगी तो वो भारतीय मुस्लिम होंगे जो सबसे ज्यादा गौरवान्वित महसूस करेंगे।

किसी मुस्लिम नेता के पीएम बनने की महत्वाकांक्षा को मुश्किल करार देने वाले गुलाम नबी आजाद ने 2018 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में एक कार्यक्रम में कहा था कि उनकी ही पार्टी के हिंदू नेता अब उन्हें प्रचार में बुलाने से हिचकते हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कॉन्ग्रेस और उसके मुस्लिम एजेंडे का भंडाफोड़ करते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस के ऐसे काफी कम हिंदू उम्मीदवार हैं, जो उन्हें प्रचार के लिए बुलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “पहले 99 फीसदी हिंदू कैंडिडेट मुझे मुस्लिम वोटों को पाने के मकसद से चुनाव प्रचार में बुलाते थे। अब यह आँकड़ा 40 फीसदी ही रह गया है क्योंकि उन्हें मेरे जाने से हिंदू वोटों के खोने का डर है।”

उन्होंने अपने बीते दिनों के बारे में बताया कि यह वह भारत था, जहाँ उन्होंने 1979 में महाराष्ट्र से 95% हिंदू मतदाताओं वाले वोटबैंक में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनके अनुसार, “मेरे खिलाफ जनता पार्टी का हिंदू उम्मीदवार था, लेकिन मैं फिर भी जीता।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमेरिकी कैंपसों को ‘मेरिट’ वाले दिन लौटाएँगे डोनाल्ड ट्रंप? कॉलेजों को ‘वामपंथी सनक’ से मुक्त कराने का जता चुके हैं इरादा, जनिए क्या है...

ट्रम्प ने कहा कि 'कट्टरपंथी मार्क्सवादी सनकी' ने कॉलेजों में घुसपैठ की है और करदाताओं के पैसे को अपने वैचारिक एजेंडे को फैलाने में लगाया है।

पानी की बोतलों में थूक रहा मौलवी, लेने के लिए मुस्लिमों में मची होड़: Video वायरल, जानिए इस्लाम में ‘थूक’ कितने काम की… कैसे...

एक मुस्लिम मौलवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह यहाँ मौजूद लोगों की बोतलों में सूरा (इस्लामिक प्रार्थनाएँ) पढ़ने के बाद थूक रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -