चुनाव नज़दीक होने के कारण इन दिनों हर राजनेता सक्रिय है। इस समय जनता से मिलकर, उनकी परेशानियों को गौर से सुनते हुए आपको हर पार्टी का बड़े से बड़ा नेता मिल जाएगा। फिर चाहे चुनाव के बाद वो नज़र आए या न आए। कुछ ऐसा ही दृश्य 2014 में भी देखने को मिला था जब कॉन्ग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए प्रियंका गाँधी को मैदान में उतारा था। उस दौरान भी कॉन्ग्रेस की जीत के लिए प्रियंका को एक बड़ा चेहरा माना जा रहा था और आज 2019 में भी वही स्थिति है।
हालाँकि 2014 लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की हार के बाद प्रियंका गाँधी को आम जन के बीच शायद ही किसी ने देखा हो, लेकिन 2019 में चुनाव आते ही एक बार फिर से प्रियंका जनता के बीच आ गई हैं। कई रैलियाँ और जनसभा को संबोधित करने के बाद कल (मार्च 27, 2019) कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे जनता के बीच जाकर भाजपा की जुमलेबाजी का जवाब दें और साथ ही लोगों को भाजपा सरकार की नकामयाबियाँ गिनाएँ।
लेकिन जनता इनकी सच्चाई को लेकर सामने आ रही है। जगह-जगह इनसे हिसाब माँगा जा रहा है। चुनाव के वक्त चेहरा दिखाने वाले ऐसे नेताओं से लोग पोस्टर के माध्यम से सवाल कर रहे हैं। लेकिन इसके उलट कॉन्ग्रेस महासचिव की मानें तो देश में दियासलाई से लेकर मिसाइल तक बना कर देने का काम कॉन्ग्रेस ने किया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ़ विश्व का भ्रमण कर रहे हैं। उनकी मानें तो देश का किसान बहुत परेशान है। उसे न तो खाद मिल रही है और ही उत्पादों का सही दाम मिल रहा है।
इतना ही नहीं 5 सालों में जनता के बीच कभी न दिखने वाली प्रियंका गाँधी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के बारे में कहा कि अमेठी में वह टाइम पास करने आती हैं और अमेठी से उन्हें कोई मतलब नहीं है। प्रियंका ने बताया कि वह अपने पिता (राजीव गाँधी) के साथ अमेठी आया करती थी। उनका बचपन यहाँ बीता हैं। उनसे ज्यादा अमेठी कौन ज्यादा समझ सकता है। लेकिन वोटर समझदार हो चुके हैं। आपको बता दें कि प्रियंका पर सवाल करते ऐसे पोस्टरों से पहले भी राहुल गाँधी गायब के पोस्टर अमेठी में देखे जा चुके हैं।