जिस ‘किसान आंदोलन’ का समर्थन कर-कर के कॉन्ग्रेस पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने में लगी हुई थी, अब वही उसके ही गले की फाँस बनता जा रहा है। एक तो पश्चिम बंगाल में जाकर किसान नेताओं ने ममता बनर्जी के लिए चुनाव प्रचार किया और वामदलों व कॉन्ग्रेस के गठबंधन को धता बताया, वहीं अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की अपील का भी उन पर कोई असर नहीं हो रहा है।
पंजाब सीएम ने रविवार (मई 23, 2021) को ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU उग्रहण)’ से अपील की कि वो अपने प्रस्तावित 3 दिन के धरना प्रदर्शन को रोक दे, नहीं तो ये कोरोना का ‘सुपर स्प्रेडर’ बन सकता है। बता दें कि किसान संगठन पंजाब सरकार द्वारा कोरोना के प्रबंधन में विफल रहने के विरोध में रैली निकालना चाहता है। शुक्रवार से शुरू होने वाला ये विरोध प्रदर्शन दक्षिण-पूर्वी पंजाब के पटियाला से आरम्भ होगा।
ये मुख्यमंत्री के लिए इसीलिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है क्योंकि पटियाला न सिर्फ उनका चुनावी क्षेत्र है, बल्कि वो पिछले 51 वर्षों से यहाँ के मानद ‘महाराजा’ भी हैं। ये इलाका उनके पुरखों का गढ़ रहा है। सीएम अमरिंदर ने इस आरोप को भी नकार दिया कि वो कोरोना के प्रबंधन में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब का हाल दिल्ली, महाराष्ट्र और यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश जैसा न हो, इसके लिए उन्होंने पूरी कोशिश की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में लाशें तैर रही हैं, जिसने भाजपा सरकार के कोरोना कुप्रबंधन को उजागर किया है। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि किसानों को गैर-जिम्मेदाराना हरकतें कर के अपने जीवन को खतरे में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में पंजाब सरकार के प्रयासों को ठेस पहुँचेगी। राज्य में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम पर पाबंदी लगी हुई है, जिसमें लोगों के जुटने की आशंका हो।
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— News18 India (@News18India) May 23, 2021
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) से प्रस्तावित धरने को रद्द करने की अपील की और कहा कि धरना बड़े स्तर पर कोरोना फैलने का कारण बन सकता है।@prashantchurhe @amitabhnews18 #KisanAndolan pic.twitter.com/bZZ1f9Hgks
कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब किसान विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे तो ज्यादातर लोग गाँवों से ही आएँगे, जो पहले से ही इस महामारी से पीड़ित हैं और उनका जीवन बेहाल है। उन्होंने याद दिलाया कि ऐसे कॉन्ग्रेस पार्टी ने दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे ‘किसान आंदोलन’ का समर्थन किया था। इस समर्थन की दुहाई देते हुए उन्होंने किसानों के प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को अनुचित बताया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे सबसे पहले पंजाब सरकार ने ही विधानसभा में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।
उन्होंने कहा कि तब पंजाब सरकार ने किसानों का समर्थन किया था, अब किसान वापस राज्य सरकार का समर्थन करें। उन्होंने दावा किया कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में पंजाब में चीजें नियंत्रण से बाहर नहीं गईं, जैसा कई अन्य राज्यों में हुआ है। उन्होंने ये तक दावा कर डाला कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिन राज्यों का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा, पंजाब उनमें से एक है। सीरम अमरिंदर ने कहा कि इन चीजों को ध्यान में रखते हुए अभी किसी प्रकार का धरना या रैली अस्वीकार्य है।
मई 2021 के पहले हफ्ते में ही पंजाब में किसानों ने वहाँ लगे वीकेंड लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। किसानों ने दुकानदारों पर दबाव बनाया कि वो अपनी दुकाने खोलें और सरकार का आदेश नहीं मानें। संगठन के कार्यकर्ताओं ने नेचर पार्क में एकत्रित होकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की थी। किसान नेताओं ने अपने भाषण में कहा था कि हम लॉकडाउन को नहीं मानेंगे।