केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के खिलाफ पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार भी प्रस्ताव लाने जा रही है। पश्चिम बंगाल सरकार 17 नवंबर को राज्य विधानसभा में सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी करने के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। बता दें कि गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी कर बीएसएफ को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की अनुमति दी थी। पश्चिम बंगाल सरकार ने यह फैसला केंद्रीय गृह सचिव के कोलकाता के दौरे के एक दिन बाद लिया गया है।
ममता सरकार के संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा लाया जाने वाला प्रस्ताव यह बताएगा कि किस तरह से केंद्र सरकार देश के संघीय व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “यह कदम संघीय ढाँचे के खिलाफ है। केंद्र ने राज्य सरकार से परामर्श किए बिना मनमाना निर्णय लिया।”
मंत्री के मुताबिक, “अगर बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 50 किमी के भीतर काम करने दिया जाएगा, तो यह राज्य की भूमि के 37 प्रतिशत क्षेत्र को सीमा बल के नियंत्रण में कर देगा और ‘राज्य पुलिस के अधिकार को काट देगा।” उन्होंने कहा कि मामले के संबंध में निर्णय कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिया गया। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस फैसले के खिलाफ अपनी आपत्ति जता चुकी हैं।
इधर, ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने इसका विरोध किया है। बीएसएफ ने 12 नवंबर की सुबह सीताई में दो कथित बांग्लादेशी पशु तस्करों को गोली मारी थी, जिसमें दोनों तस्करों की मौत हो गई है। भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, “संकल्प लाने का क्या मतलब है? पश्चिम बंगाल अब एक आतंकवादी केंद्र है। उन्होंने बाड़ लगाने के लिए 631 किमी जमीन क्यों नहीं दी है? सभी भाजपा विधायक प्रस्ताव का विरोध करेंगे।”
Doesn't CM Mamata Banerjee want our international borders to be strong like the Central govt does? We feel that this is because TMC is probably linked with smugglers & criminals: WB BJP MLA Agnimitra Paul on State resolution against the BSF Jurisdiction expansion pic.twitter.com/3htl4MP4FT
— ANI (@ANI) November 12, 2021
गौरतलब है कि पिछले महीने ही देश की सीमाओं की सुरक्षा और सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक कर दिया था।
पंजाब सरकार ने भी किया था प्रस्ताव पारित
पश्चिम बंगाल सरकार से पहले इसी महीने 11 नवंबर 2021 को पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। चन्नी ने कहा था कि उनकी सरकार पंजाब की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जरूरत पड़ी तो केंद्र के इस फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएँगे।
जबकि पंजाब के ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्रालय के बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया था और केंद्र के इस फैसले का सम्मान करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पंजाब में ड्रग्स की तस्करी और आतंकी खतरा बढ़ा है, अब केंद्र के फैसले से पंजाब सुरक्षित होगा।