पश्चिम बंगाल सरकार ने भाटपारा में दो समूहों के बीच झड़प के बाद उत्तर 24 परगना ज़िले में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाओं को शुक्रवार (21 जून) मध्यरात्रि तक बंद कर दिया है।
West Bengal: Internet services suspended in North 24 Parganas district till the midnight of 21st June as a precautionary measure following a clash between two groups of miscreants in Bhatpara earlier today
— ANI (@ANI) June 20, 2019
गुरुवार (20 जून) को तृणमूल और भाजपा समर्थकों के बीच हुई झड़प में दो लोगों की मौत और तीन के घायल होने की ख़बर सामने आई थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा, “मृतक की पहचान रामबाबू शॉ और धर्मेंद्र शॉ के रूप में की गई, जबकि घटना में घायल लोगों का विवरण अभी तक पता नहीं चल सका है।”
पश्चिम बंगाल में आए दिन होने वाली इन हिंसक झड़पों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जिस कार्यशैली का प्रदर्शन होता है उसमें राज्य की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था की तस्वीर साफ़ दिखाई पड़ती है। 10 जनवरी को, मोहम्मद सईद की मौत के बाद कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर्स और इन्टर्नस पर हमला करने के लिए ट्रकों में 200 लोगों की भीड़ पहुँची थी। इसके बाद पूरे राज्य में चिकित्सा संस्थानों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन और हमलों का दौर शुरू हो गया था।
अभी हाल ही में, एक पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स पर उनके घर पर एक इस्लामी भीड़ ने हमला किया था। इन सभी मामलों में, पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपराधियों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करने की माँग की गई थी, क्योंकि यह एक आम धारणा है कि यदि अपराध करने वाले समुदाय विशेष से होते हैं तो उन्हें बच निकलने का मौक़ा दिया जाता है।
इस सब के बीच, राज्य में राजनीतिक हिंसा बेरोकटोक जारी है और भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हत्याएँ लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। यहाँ तक कि महिलाओं को भी नहीं बख़्शा जा रहा है। हर दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।