Saturday, September 14, 2024
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पानी की बौछार, लाठीचार्ज, आँसू गैस के गोले… ममता बनर्जी का इस्तीफा माँगने निकले छात्रों पर टूट पड़ी बंगाल पुलिस, ‘नबन्ना मार्च’ रोकने के लिए हावड़ा ब्रिज किया बंद

'छात्र समाज' नाम से अनौपचारिक संगठन के बैनर तले इस मार्च का आह्वान किया गया है। छात्रों की 3 माँग है.- अभया के लिए न्याय, अपराधी के लिए मौत की सजा और ममता बनर्जी का इस्तीफा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग को कोलकाता में छात्रों ने नबन्ना अभियान (नबन्ना मार्च) निकालते हुए नबन्ना बिल्डिंग की तरफ कूच किया है, जिसे रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने दमनकारी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। छात्रों के नबन्ना मार्च को तोड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, वॉटर कनन के इस्तेमाल के साथ ही आँसू गैस के गोले भी छोड़े हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को हावड़ा ब्रिज पार करने से रोकने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियाँ भाँजी हैं।

यह मार्च ‘छात्र समाज’ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आयोजित किया है। ‘छात्र समाज’ कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर उभरा एक संगठन है। ममता सरकार ने इस मार्च को अवैध करार देते हुए कहा है कि उसे शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की खुफिया जानकारी मिली है।

हावड़ा में बैरिकेड्स पर चढ़े प्रदर्शनकारी, लाठीचार्ज

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेप-मर्डर केस में न्याय की माँग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग को लेकर ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ गए। यहाँ वो पुलिसकर्मियों से भिड़ गए और बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। इसके साथ ही सचिवालय के पास भी आंदोलनकारियों ने बैरिकैडि़ंग तोड़ दी। पुलिस ने भीड़ पर आँसू गैस के गोले दागे। इसके साथ ही लोगों पर लाठीचार्ज भी किया गया।

लाठीचार्ज, वाटर कैनन से बौछारों की बरसात और आँसू गैस के गोले दागे जाने के बाद भी प्रदर्शनकारी हावड़ा ब्रिज से पीछे हटने को तैयार नहीं है। पुलिस-प्रशासन प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहा है, तो आंदोलनकारी हावड़ा ब्रिज पर ही धरने पर बैठ गए हैं। बहुत सारे प्रदर्शनकारियों के पास तिरंगा झंडा है।

‘नबन्ना मार्च’ में शामिल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस उन पर आँसू गैस के गोले दाग रही है। प्रदर्शनकारी जैसे ही आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, पुलिस वाटर कैनन से उन्हें पीछे खदेड़ देती है, इस दौरान बीच-बीच में आँसू गैस के गोले भी दागे जाते हैं।

नबन्ना मार्च क्या है?

नबन्ना बिल्डिंग कोलकाता के हावड़ा में स्थित है। नबन्ना बिल्डिंग से पूरा राज्य चलाया जाता है, यानी कि पॉवर सेंटर। ये बिल्डिंग 14 मंजिल की है, जिसमें टॉप फ्लोर पर खुद ममता बनर्जी बैठती हैं। 13वें फ्लोर पर मुख्य सचिव तो पाँचवें फ्लोर पर राज्य के गृह मंत्रालय का दफ्तर है। साल 2013 में ही ममता बनर्जी सरकार ने इस बिल्डिंग में एंट्री ली थी। उससे पहले राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री का कार्यालय हुआ करता था। इस बिल्डिंग में कॉन्फ्रेंस रूप के साथ ही सुरक्षा के तगड़े इंतजाम हैं।

आंदोलनकारियों की कोशिश इसी नबन्ना बिल्डिंग के घेराव की है। वो ममता बनर्जी को अक्षम बता रहे हैं और ममता से इस्तीफा माँग रहे हैं। इस आंदोलन के पीछे अभी तक पूरी तरह से छात्र ही दिख रहे हैं। इस मार्च की अगुवाई रवीन्द्रभारती विश्वविद्यालय के एमए छात्र प्रबीर दास, कल्याणी विश्वविद्यालय के शुभंकर हलदर और सयान लाहिड़ी जैसे युवा छात्र कर रहे हैं। उन्होंने ‘छात्र समाज’ नाम से अनौपचारिक संगठन के बैनर तले इस मार्च का आह्वान किया है। छात्रों की 3 माँग है.- अभया के लिए न्याय, अपराधी के लिए मौत की सजा और ममता बनर्जी का इस्तीफा।

कोलकाता पुलिस ने ‘नबन्ना मार्च’ को देखते हुए 6000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। शहर में 19 जगहों पर बैरिकेडिंग की है। यही नहीं, नबन्ना बिल्डिंग के बाहर कोलकाता पुलिस और हावड़ा सिटी पुलिस द्वारा 3 लेयर सिक्योरिटी बनाई गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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