पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सोमवार (अगस्त 2, 2021) को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब फर्जी सरकारी नौकरी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के करीबी राखल बेरा को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तुरंत रिहा करने का आदेश सुनाया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार से कहा है कि इस मामले में राखल बेरा के खिलाफ आगे कोई भी एफआईआर दाखिल नहीं होनी चाहिए और अगर ऐसा करना है तो फिर उसके लिए पहले अदालत से इजाजत लेनी होगी।
Calcutta High Court directs that Rakhal Bera, a close associate of BJP leader Suvendu Adhikari, be immediately released from custody and no further FIR be registered against him without leave of the court.
— ANI (@ANI) August 2, 2021
Bera was arrested in connection with a fraud case.
बता दें कि सरकारी नौकरी घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के संबंध में राखल बेरा को बीते 5 जून को गिरफ्तार किया गया था। कल्याण गढ़ के एक निवासी द्वारा मानिकताला पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित राखल बेरा को कोलकाता स्थित उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बेरा और उनके सहयोगियों ने राज्य के सिंचाई विभाग में समूह-डी श्रेणी की नौकरी दिलाने का झाँसा देकर लोगों से मोटी रकम एकत्र की। पुलिस को दिए अपने बयान में शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपित राखल बेरा ने जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के बीच कोलकाता के मानिकटोला रोड पर साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के एक फ्लैट के अंदर एक शिविर का आयोजन किया।
शिकायत में कहा गया कि आरोपितों ने पश्चिम बंगाल सिंचाई और जलमार्ग विभाग के ग्रुप डी (फील्ड स्टाफ) में नौकरी देने का झाँसा देकर जनता से ‘भारी मात्रा में धन इकट्ठा’ किया। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपित ने उससे 2 लाख रुपए लिए, लेकिन 2019 में आयोजित उक्त शिविर के दौरान वादा किए गए सरकारी नौकरी नहीं दी गई।
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी एक समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री थे, लेकिन हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले वह तृणमूल कॉग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं, नंदीग्राम विधानसभा सीट से शुभेंदु ने चुनाव लड़ा और अपनी प्रतिद्वंद्वी व प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी को शिकस्त दी। वे विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी हैं।