Friday, November 15, 2024
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किसके पूर्वजों ने रामलला की मूर्तियाँ हटाने की कोशिश की थी: नई-नई ‘रामभक्त’ प्रियंका से CM योगी का सवाल

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूछा कि वो कौन लोग थे जो अयोध्या में राम मंदिर नहीं चाहते थे? उन्होंने कहा कि भाजपा काफी पहले से कहती आई है कि राम सबके हैं, कॉन्ग्रेस आज यही बात कर रही। उन्होंने ये भी पूछा कि वो कौन लोग थे जो कह रहे थे कि गर्भगृह से 200 मीटर की दूरी पर राम मंदिर का शिलान्यास होगा?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई-नई ‘रामभक्त’ बनी कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी से पूछा है कि किसके पूर्वजों ने भगवान राम की मूर्ति हटाने की कोशिश की थी? प्रियंका गाँधी ने ‘राम सबके हैं’ कहते हुए राम और रामायण का जम कर गुणगान किया था और राम मंदिर के निर्माण का स्वागत किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बयान पर प्रतिक्तिया देते हुए पूछा कि वो कौन लोग थे जिन्होंने मूर्तियाँ हटाने की कोशिश की थी?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूछा कि वो कौन लोग थे जो अयोध्या में राम मंदिर नहीं चाहते थे? उन्होंने कहा कि भाजपा काफी पहले से कहती आई है कि राम सबके हैं, कॉन्ग्रेस आज यही बात कर रही। उन्होंने ये भी पूछा कि वो कौन लोग थे जो कह रहे थे कि गर्भगृह से 200 मीटर की दूरी पर राम मंदिर का शिलान्यास होगा? उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर हुई तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि किस तरह भाजपा का कोई भी पदाधिकारी इस कार्यक्रम में नहीं आया। न तो पार्टी के राष्ट्रीय और न ही प्रदेश अध्यक्ष यहाँ पहुँचे थे। उन्होंने कहा कि सीमित संख्या में अतिथियों को बुलाए जाने के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि राम के नाम पर किसी को बाँटने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और राम काज में सहयोग भी करना चाहिए क्योंकि वो सभी के हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने सबको जोड़ने का ही काम किया है। उन्होंने कहा कि राम के नाम पर भाजपा ने राजनीति नहीं की है बल्कि अयोध्या जन्मभूमि में मंदिर के लिए जिस निष्ठा से हम 1984 में जुड़े थे उसी निष्ठा से 2020 में भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 1949 में उनकी भावनाएँ क्या थीं, 1984 में क्या थीं और 1992 में क्या थीं? सीएम ने कहा कि कॉन्ग्रेस कहती कुछ है और करती कुछ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने वही किया, जो कहा। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम बहुप्रतीक्षित था और इसे आगे बढ़ाना था, इसीलिए इस रूप में इसका आयोजन हुआ और टीवी पर लाइव प्रसारण भी किया गया। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम शुभ था और इसके आयोजन के लिए पूरी व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन में 200 के क़रीब मेहमान आए थे। कई साधु-संत इसमें आना चाहते थे।

इससे पहले सीएम ने उपस्थित अतिथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 5 सदी के बाद आज 135 करोड़ भारतवासियों का संकल्प पूरा हो रहा है। देश में लोकतांत्रिक तरीकों के साथ ही मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस घड़ी की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियाँ गुजर चुकी हैं। सीएम योगी ने कहा – “हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था, आज उसकी सिद्धी हो रही है।”

हाल ही में प्रियंका गाँधी ने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा था कि सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बनें। भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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