बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू यादव ने कॉन्ग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्तचरण दास को ‘भकचोन्हर’ करार दिया है। जमानत पर जेल से छूटने के बाद पहली बार बिहार दौरे पर जा रहे लालू यादव ने मीडिया से ये बात कही। लालू यादव आज रविवार (24 अक्टूबर, 2021) को पटना पहुँच रहे हैं। बिहार में कुशेश्वर स्थान और तारापुर – इन दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है।
इससे पहले लालू यादव ने कॉन्ग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन की बातों को नकार दिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा, “अरे, बेकार की बात है। गठबंधन क्या होता है? क्या होता है कॉन्ग्रेस का गठबंधन? हारने के लिए उसे सीट दे देते हम? जमानत जब्त करवाने के लिए? भक्तचरण दास तो ‘भकचोन्हर’ है ही। उसे कुछ पता है क्या? मैं पटना जा रहा हूँ।” लालू यादव पर आरोप लगे हैं कि उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिला है, इसीलिए वो चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।
#WATCH | Delhi: RJD leader Lalu Prasad Yadav speaks on the breaking of party's alliance with Congress in Bihar. He says, "What is Congress' alliance? Would we have left everything to Congress for a loss? For losing of deposits?"
— ANI (@ANI) October 24, 2021
The RJD leader will go to Patna. pic.twitter.com/3IZpa41zuU
हालाँकि, उन्होंने इन आरोपों को नकार दिया है। बता दें कि बिहार कॉन्ग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी 40 सीटों पर कॉन्ग्रेस अकेले लड़ेगी। साथ ही उन्होंने राजद पर साथ न देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि राजद ने महागठबंधन धर्म नहीं निभाया। साथ ही बताया कि कॉन्ग्रेस नेता चुनाव प्रचार के लिए बिहार पहुँच चुके हैं। राजद और कॉन्ग्रेस, दोनों इस उपचुनाव में अलग-अलग लड़ रहे हैं।
41 महीने बाद बिहार पहुँच रहे लालू यादव के स्वागत के लिए राजद कार्यकर्ता भी जोश में हैं और राबड़ी देवी के सरकारी आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 27 अक्टूबर को उनकी रैलियाँ हो सकती हैं। 30 अप्रैल को जमानत मिलने के बाद से ही वो अपनी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर रह रहे थे। वो अक्टूबर में ही बिहार आने वाले थे, लेकिन तब डॉक्टरों ने उन्हें मना कर दिया था। राबड़ी-मीसा भी उनके साथ बिहार आ रही हैं।
वो लगभग साढ़े 3 साल जेल में बंद रहने के बाद निकले हैं। हालाँकि, इस दौरान राँची में उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप भी हेमंत सोरेन की सरकार पर लगे। राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर मेडिकल टीम की निगरानी में उनकी देखरेख के लिए एक अलग कमरा तैयार किया गया है। केवल परिवार के सदस्यों को उनके कमरे में जाने की इजाजत होगी। कोशिश रहेगी कि उन्हें भीड़ का सामना न करना पड़े, इसीलिए इस पर संशय है कि वो कार्यकर्ताओं से मिलेंगे या नहीं।