जम्मू-कश्मीर के नेताओं का पाकिस्तान प्रेम पुराना है, जो आए दिन बाहर आ ही जाता है। इसी क्रम में नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू करने की माँग केंद्र सरकार से की है। उनका कहना है कि घाटी में शांति का माहौल तभी कायम होगा, जब भारत सरकार पाकिस्तान के साथ बातचीत करेगी।
उन्होंने पुंछ जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। पाकिस्तान प्रेम में डूबे फारुक अब्दुल्ला का मानना है कि जब तक केंद्र सरकार पाकिस्तान के साथ बातचीत की टेबल पर नहीं आएगी, तब तक घाटी में शांति की उम्मीद करना बेमानी है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का आऱोप लगाया और दावा किया कि कश्मीरियों के साथ बेईमानी की गई है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कश्मीरियों को बरगलाते हुए उन्हें एक बार फिर से अनुच्छेद 370 की बहाली का सब्जबाग दिखाया। उन्होंने कहा कि यदि हमारी सरकार वापस आती है तो 370 और 35ए को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर 1947 में पाकिस्तान मूर्खता नहीं करता तो कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह कश्मीर को स्वतंत्र बनाए रखते। अब्दुल्ला ने ये भी दावा किया कि अभी घाटी में कश्मीरी पंडितों को बसाने लायक माहौल नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि शाह द्वारा कश्मीर के परिसीमन और राज्य का दर्जा वापस करने की बात हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि चुनाव पर बात तभी होगी, जब अनुच्छेद 370 की बहाली होगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर का हाल ही में दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि परिसीमन के क्यों रोका जाना चाहिए। परिसीमन होगा, फिर चुना और बाद में राज्य का दर्जा वापस होगा।