उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या तक प्रतिदिन दूध पहुँचा कर एक रिकॉर्ड कायम किया है। यूपी में सिर्फ़ इंसानों का ही ध्यान नहीं रखा जा रहा, बल्कि जानवरों के खाने-पीने का बीड़ा भी सरकार ने उठाया है। क़रीब 5 लाख गायों के लिए चारे का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा 1.5 लाख कुत्तों के लिए भी भोजन की व्यवस्था की गई है। इतनी ही संख्या में बंदरों के लिए भी रोज भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। ये वो जानवर हैं, जिनमें से अधिकतर मंदिरों के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए भोजन पर आश्रित थे।
डेयरी और एनिमल हसबेंडरी के प्रधान सचिव भुवनेश कुमार ने बताया कि उन्हें ग्रामीण और शहरी इलाक़ों के बीच दूध की आपूर्ति बिना किसी अवरोध के सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। लॉकडाउन के दौरान जानवरों को खिलाने के लिए कई कर्मचारियों व एनजीओ के स्वयंसेवकों को लगाया गया है, जो प्रतिदिन उन्हें विडियो मैसेज भेज कर बताते हैं कि आवारा जानवरों को खिलाने का काम सुचारू रूप से चल रहा है। 5 लाख गायों के रहने की व्यवस्था के लिए 5000 शेल्टर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ‘डेली ब्रीफिंग’ के दौरान इन गायों के बारे में ज़रूर पूछते हैं।
एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर के दफ्तर में 24 घंटे चालू रहने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। यूपी में एक करोड़ किसान और 3 करोड़ दुधारू जानवर हैं। प्रतिदिन 8 करोड़ लीटर दूध के उत्पादन के साथ यूपी इस मामले में देश में सबसे अव्वल राज्य है। ऐसे में अधिकारियों पर जिम्मेदारी है कि दूध बेकार न जाए और इसकी सप्लाई व डिमांड में कोई अवरोध न आए। चूँकि आईएएस जगत में ‘कर्फ्यू कुमार’ के नाम से जाने जाने वाले भुवनेश को अलीगढ़ सहित अन्य जिलों में तनाव के बीच स्थिति के प्रबंधन में दक्षता हासिल है, ऐसी आपदा की घड़ी में उनकी ये क्षमता उनके काम आ रही है।
“With over one crore farmers, three-crore milching animals and production of eight crore-litre milk daily, UP is the highest milk producing state in the country having about 18 per cent share. It is also the largest milk producer in the world.”
— Anshika Shukla (@anshikashukla_) April 4, 2020
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले ही दिन सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया था कि वो साइकिल या बाइक पर दूध ले जाने वाले लोगों को न रोकें। इसी कारण कहीं से भी दूध की कमी की शिकायतें नहीं आईं और न ही कहीं दूध के बेकार जाने की ख़बर आई। प्राइवेट और सरकारी लोगों को मिला आकर 17,000 लोग रोज दूध की डिलीवरी में लगे हुए हैं। गौशालाओं में सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री का उससे सीधा इमोशनल जुड़ाव है।