Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीति5 लाख गाय, 1.5 लाख बंदर और कुत्ते: सबके खाने की व्यवस्था कर रही...

5 लाख गाय, 1.5 लाख बंदर और कुत्ते: सबके खाने की व्यवस्था कर रही योगी सरकार, बनाए 5000 काउ शेल्टर

यूपी में सिर्फ़ इंसानों का ही ध्यान नहीं रखा जा रहा, बल्कि जानवरों के खाने-पीने का बीड़ा भी सरकार ने उठाया है। ये वो जानवर हैं, जिनमें से अधिकतर मंदिरों के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए भोजन पर आश्रित थे।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या तक प्रतिदिन दूध पहुँचा कर एक रिकॉर्ड कायम किया है। यूपी में सिर्फ़ इंसानों का ही ध्यान नहीं रखा जा रहा, बल्कि जानवरों के खाने-पीने का बीड़ा भी सरकार ने उठाया है। क़रीब 5 लाख गायों के लिए चारे का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा 1.5 लाख कुत्तों के लिए भी भोजन की व्यवस्था की गई है। इतनी ही संख्या में बंदरों के लिए भी रोज भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। ये वो जानवर हैं, जिनमें से अधिकतर मंदिरों के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए भोजन पर आश्रित थे।

डेयरी और एनिमल हसबेंडरी के प्रधान सचिव भुवनेश कुमार ने बताया कि उन्हें ग्रामीण और शहरी इलाक़ों के बीच दूध की आपूर्ति बिना किसी अवरोध के सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। लॉकडाउन के दौरान जानवरों को खिलाने के लिए कई कर्मचारियों व एनजीओ के स्वयंसेवकों को लगाया गया है, जो प्रतिदिन उन्हें विडियो मैसेज भेज कर बताते हैं कि आवारा जानवरों को खिलाने का काम सुचारू रूप से चल रहा है। 5 लाख गायों के रहने की व्यवस्था के लिए 5000 शेल्टर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी ‘डेली ब्रीफिंग’ के दौरान इन गायों के बारे में ज़रूर पूछते हैं।

एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर के दफ्तर में 24 घंटे चालू रहने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। यूपी में एक करोड़ किसान और 3 करोड़ दुधारू जानवर हैं। प्रतिदिन 8 करोड़ लीटर दूध के उत्पादन के साथ यूपी इस मामले में देश में सबसे अव्वल राज्य है। ऐसे में अधिकारियों पर जिम्मेदारी है कि दूध बेकार न जाए और इसकी सप्लाई व डिमांड में कोई अवरोध न आए। चूँकि आईएएस जगत में ‘कर्फ्यू कुमार’ के नाम से जाने जाने वाले भुवनेश को अलीगढ़ सहित अन्य जिलों में तनाव के बीच स्थिति के प्रबंधन में दक्षता हासिल है, ऐसी आपदा की घड़ी में उनकी ये क्षमता उनके काम आ रही है।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले ही दिन सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया था कि वो साइकिल या बाइक पर दूध ले जाने वाले लोगों को न रोकें। इसी कारण कहीं से भी दूध की कमी की शिकायतें नहीं आईं और न ही कहीं दूध के बेकार जाने की ख़बर आई। प्राइवेट और सरकारी लोगों को मिला आकर 17,000 लोग रोज दूध की डिलीवरी में लगे हुए हैं। गौशालाओं में सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री का उससे सीधा इमोशनल जुड़ाव है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।

भारत में न्यूक्लियर टेस्ट हो या UN में दिया हिंदी वाला भाषण… जानें अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन कैसे दूसरे नेताओं के लिए भी...

अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक सशक्त राजनेता थे, बल्कि वे एक संवेदनशील कवि, एक दूरदर्शी विचारक और एक फक्कड़ व्यक्तित्व के धनी थे।
- विज्ञापन -