उत्तर प्रदेश की योगी सरकार परशुराम जन्मस्थली का निर्माण करने जा रही है। जिससे 6 जिलों के पाँच तीर्थस्थल आपस में जुड़ जाएँगे। परशुराम तीर्थ सर्किट के निर्माण की जिम्मेदारी राज्य के पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुओं की आस्था से जुड़े पाँच धामों जिनमें नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम और पूर्णागिरी माँ के मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा पूर्णागिरी माता के मंदिर से बाबा नीम करौरी धाम और जलालाबाद स्थित परशुराम की जन्मस्थली को जोड़ दिया जाएगा।
योगी सरकार की योजना के अनुसार, परशुराम तीर्थ सर्किट यूपी के छह जिलों सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहाँपुर, फरुखाबाद से होकर गुजरेगा। वहीं इस सर्किट की लंबाई 500 किमी से ज्यादा बताई जा रही है।
इस परियोजना के बारे में कहा जा रहा है पिछ्ले दिनों में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने परशुराम जन्मस्थली के कई दौरे किए। उन्होंने परशुराम जन्मस्थली के महंत और पुजारियों से भी वार्ता की, इसके बाद नैमिषधाम के पुजारी, गोला गोकर्णनाथ के पुजारी समेत कई साधु-संतों से राय लेकर इस कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार कर और प्रस्ताव बना कर एनएच के सहयोग से कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है।
वहीं इस परियोजना के प्रोग्रेस को लेकर बताया गया है कि इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी चर्चा की गई है। इसमें नैमिष तक के कुछ हिस्से की टेंडर प्रक्रिया संपन्न हो गई है और जल्द केन्द्र से हरी झंडी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने शाहजहाँपुर के जलालाबाद स्थित परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की माँग की थी जिसे इसी साल अप्रैल महीने में योगी सरकार ने पूरा करते हुए परशुराम की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित कर दिया था। साथ ही परशुराम सर्किट के रास्ते पर जगह-जगह इन सभी तीर्थस्थलों के बारे में वर्णन और चित्रण से इस रूट को काफी खूबसूरत बनाने का भी प्रस्ताव है।