अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों के सामने 900 ISIS आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया। हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी 10 महिलाएँ और बच्चे हैं, जो भारतीय आतंकवादियों के परिवार से हैं। इन 10 महिलाओं और बच्चों में से अधिकांश केरल के हैं।
ख़बर के अनुसार, आतंकवादियों ने पूर्वी प्रांत नांगरहार में आत्मसमर्पण किया है, जहाँ अफ़ग़ान राष्ट्रीय सुरक्षा बल ISIS के ख़िलाफ़ ऑपरेशन कर रहे हैं। आतंकी संगठन के ख़िलाफ़ 12 नवंबर को ऑपरेशन शुरू हुआ। 12 नवंबर को शुरू हुए आतंकी संगठन के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के आक्रामक हमले के कुछ ही घंटों बाद 93 आतंकवादियों ने, जिनमें कई पाकिस्तानी शामिल थे, उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था।
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, केरल के कई आतंकवादी 2016 से अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा पर थे। कुछ ने तो इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए इस्लाम धर्म क़बूल कर लिया था। इनमें से कई अपने परिवार को भी साथ ले जाते हैं। माना जाता है कि जिन 10 महिलाओं और बच्चों ने आत्मसमर्पण किया है, वे ISIS आतंकवादियों के पारिवारिक सदस्य हैं, जिन्होंने भारत से अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा की थी। अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा है कि वे उन सभी आतंकवादियों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है।
यह भी बताया जा रहा है कि 10 महिलाएँ और बच्चे, अधिकतर केरल से आए आतंकवादियों के परिवार हैं, जो काबुल में स्थानांतरित कर दिए गए। अफ़ग़ान ख़ुफ़िया एजेंसी, राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय की एक विशेष टीम, आत्मसमर्पण करने वाले लोगों का ब्यौरा इकट्ठा कर रही है।
हाल ही में यह बताया गया था कि ISIS या ISIS-K के खुरासान समूह ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले का प्रयास किया था। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने यह दावा किया था। राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के कार्यवाहक निदेशक, राष्ट्रीय ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक रसेल ट्रैवर्स के अनुसार, ISIS-K दक्षिण एशिया में संचालित होता है। ISIS-K अमेरिका के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।
ट्रैवर्स ने आगे कहा कि दो साल पहले ISIS-K ने अमेरिका की धरती पर हमले का प्रयास किया था, लेकिन एफबीआई ने इसे रोक दिया। इसके अलावा, उन्होंने सांसदों से कहा कि किसी भी गणना के अनुसार, 9/11 के समय के लोगों की तुलना में अब अधिक कट्टरपंथी व्यक्ति हैं।
ISIS के मुख्य आतंकवादी अबू बक्र अल-बगदादी के उत्तर पश्चिमी सीरिया में अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के कुछ दिनों बाद, ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि आतंकवादी संगठन अफ़ग़ानिस्तान में अपना आधार बदल रहा है।
उन्होंने कहा था कि ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सीमा पर जो हालिया हमले किए गए, वे ISIS ने अफ़ग़ानिस्तान से बाहर होते हुए किए थे। घातक बंदूक की लड़ाई में एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए।
ज़रीफ़ ने कहा कि उनकी सरकार ISIS के अपडेट के बारे में भारतीय एजेंसियों के साथ नियमित सम्पर्क में है। अफ़ग़ानिस्तान में बेस शिफ्ट करने वाला आतंकी समूह पाकिस्तान, रूस और चीन जैसे अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए भी ख़तरा बना हुआ है। उन्होंने कहा, “यह (आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई) एक ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को एकजुट कर सकता है।” ज़रीफ़ ने कहा कि इन सभी देशों को आतंकी समूह से निकलने वाले खतरे से लड़ने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।